रांची: स्टेट का सबसे बड़ा हॉस्पिटल रिम्स मरीजों के इलाज के लिए हमेशा से तैयार रहा है। कभी नई सुविधाएं तो कभी अव्यवस्था को लेकर भी चर्चा हमेशा होती रही। इन सबके बावजूद लोगों का विश्वास इलाज कराने में कहीं से भी कम नहीं हुआ। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि कोरोना के बावजूद इलाज कराने वाले मरीज कम नहीं हुए। वहीं फालोअप के लिए भी मरीज लगातार रिम्स आते रहे, ताकि उनका बेहतर इलाज हो सके।

सबसे ज्यादा मरीज मेडिसीन में

हॉस्पिटल के मेडिसीन ओपीडी में सबसे ज्यादा मरीज इलाज के लिए आए। चूंकि बाकी के विभागों में मरीज कम आ रहे थे। जब सभी ओपीडी अनलॉक कर दिए गए तो मरीज इलाज को पहुंचने लगे। इस दौरान डेंटल और स्किन में भी मरीजों की लाइन लगी रही। इसके अलावा गायनेकोलॉजी, कार्डियोलॉजी, पेडिया में भी मरीजों ने डॉक्टरों से कंसल्ट किया।

फालोअप को 23560 मरीज

पिछले साल सबकुछ ठीक चल रहा था। इस बीच मार्च के बाद लॉकाडाउन लगा दिया गया, जिससे कि लंबे समय तक मरीज घरों से बाहर ही नहीं निकल पाए। केवल गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए मरीज हॉस्पिटल पहुंचे। एक साल में कोरोना के बावजूद रिम्स में टोटल मरीज 176794 पहुंचे। इसमें नए मरीज 153234 थे। वहीं फालोअप मरीजों की संख्या 23560 थी, जिन्होंने बार-बार ओपीडी में डॉक्टर से आकर कंसल्ट किया।

डिपार्टमेंट के ओपीडी में आए मरीज

टोटल मरीज 176794

नए मरीज 153234

फालोअप मरीज 23560

ट्रामा सेंटर 1108

प्लास्टिक सर्जरी 136

स्किन 9757

यूरोलॉजी 3060

टीबी चेस्ट 1324

आब्स एंड गायनी 7140

आर्थोपेडिक्स 8180

पेडियाट्रिक्स 8696

पेडियाट्रिक सर्जरी 3206

रेडिएशन ओंकोलॉजी 1242

कार्डियोलॉजी 8907

सीटीवीएस 2276

सर्जरी 6027

डेंटल 9995

मेडिकल ओंकोलॉजी 1632

सर्जरी ओंकोलॉजी 1805

मेडिसीन 16501

नियोनेटोलॉजी 119

न्यूरो सर्जरी 5565

न्यूरोलॉजी 3545