रांची (ब्यूरो)। मोरहाबादी मैदान को टाइम्स स्क्वायर बनाने के लिए पूर्व सरकार ने योजना तैयार की थी। उसी योजना पर फिर एक बार काम शुरू होने वाला है। इस बार नगर विकास विभाग नहीं बल्कि सूचना एवं जन संपर्क विभाग यानी पीआरडी मैदान के जीर्णोद्धार का काम करेगा। नगर विकास विभाग के सचिव विनय चौबे ने पीआरडी को पत्र लिख कर मैदान में लगे सभी इक्विपमेंट को अपने हैंडओवर लेने का आग्रह किया है। मैदान में 11 एलईडी डिस्पले स्क्रीन लगाई गई है। जो यूजलेस हो चुके हैं। सरकारी कार्यक्रम या राष्ट्रीय प्रोग्राम के वक्त इसे रिपेयर कर के चलने लायक बनाया जाता है। अन्यथा सालो भर यह ऐसे ही बंद रहता है। पीआरडी के हैंडओवर लेने के बाद इसका भी मेटेनेंस का काम शुरू होगा।

पहले 27 करोड़ हुए हैं खर्च

मोरहाबादी मैदान को टाइम्स स्क्वायर बनाने के नाम पर नगर विकास विभाग ने करीब 27 करोड़ रुपए फूंक दिए है। सिर्फ 11 स्क्रीन ही मैदान में नजर आती है। वह भी कभी-कभार ही चलती है। इसके अलावा मैदान में लगाई गई लाइट की हालत भी खराब होने लगी है। कोई जलती है तो कोई नहीं जलती है। दो साल से किसी तरह का कोई कार्यक्रम, मेला या उत्सव आयोजित नहीं होने के कारण मैदान में लगी लाइट स्क्रीन डिस्पले का इस्तेमाल नहीं हुआ है। आने वाले दिनों में गणतंत्र दिवस का कार्यक्रम भी आयोजित होने वाला है जिसे देखते हुए ग्राउंड के ब्युटीफिकेशन का काम जल्द पूरा करने की जिम्मेवारी दी गई है।

मैदान में युवाओं का जमावड़ा

मोरहाबादी मैदान के चारों और चाइनीज आईटम, चाय सिगरेट, और चाट-फुचका की दुकानें सजती हैं। ये दुकानदार यहां गंदगी भी फैलाते हैं। बार-बार नगर निगम की ओर से अपील के बाद भी दुकानदार सुधर नहीं रहे हैं। निगम की ओर से सख्त कार्रवाई नहीं होने के कारण यहां के दुकानदार मनमर्जी दुकान लगाते हैं, गंदगी फैला कर चले जाते हैं। हालांकि निगम के सफाई कर्मी अहले सुबह या आधी रात में मोरहाबादी मैदान की सफाई करते हैं। लेकिन अगले दिन फिर से शाम होते होते गंदगी फैल जाती है। यहां के दुकानदारों को गीला और सुखा कचरा के लिए अलग-अलग डस्टबिन रखने का निर्देश दिया गया है। लेकिन बहुत कम दुकानदार हैं जिनके पास एक भी डस्टबिन है। वहीं इन दुकानदारों के आस-पास हर शाम मेला लग जाता है। लड़के-लड़कियों का ग्रुप यहां आकर गपशप करते हैं और चाय की चुसकी लेते हैं। ऐसे में मोरहाबादी मैदान का सौंदर्यीकरण होने से इसकी शोभा और बढ़ जाएगी।