रांची (ब्यूरो)। प्रशांत बोस उर्फ किशन दा उर्फ मनीष उर्फ बूढ़ा भाकपा माओवादी के पोलित ब्यूरो का भी मेंबर है। उस पर झारखंड में एक करोड़ रुपये का इनाम घोषित है। सूत्रों के अनुसार प्रशांत बोस की गिरफ्तारी सरायकेला के कुख्यात उग्रवादी महाराज प्रमाणिक की निशानदेही पर की गयी है। हालांकि, प्रशांत बोस की गिरफ्तारी की पुष्टि किसी भी पुलिस अधिकारी ने अभी तक नहीं की है। प्रशांत बोस को एक गुप्त ठिकाने पर रखकर पुलिस टीम पूछताछ कर रही है।

प्रमाणिक की निशानदेही पर गिरफ्तारी

महाराज प्रमाणिक पहले ही झारखंड पुलिस के सामने अनधिकृत रूप से आत्मसमर्पण कर चुका है। उसकी निशानदेही पर ही झारखंड पुलिस को यह बड़ी सफलता हाथ लगी है। नक्सली महाराज प्रमाणिक माओवादियों का जोनल कमांडर है। इस पर 10 लाख रुपये का इनाम है। एक करोड़ का इनामी प्रशांत बोस जिन सात रा'यों का प्रमुख है उनमें झारखंड के अलावा बिहार, आंध्रप्रदेश, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल, ओडिशा और महाराष्ट्र शामिल है। वह इन रा'यों में एक सौ से भी अधिक नक्सली वारदातों का मास्टरमाइंड बताया जाता रहा है। उसे गिरफ्तार करने के लिए इन रा'यों की पुलिस कई दशकों से लगी हुई थी। वह कभी पारसनाथ की पहाडिय़ों तो कभी हजारीबाग-बोकारो के झुमरा पहाड़ तो कभी सारंडा में रहता था। पुलिस की घेराबंदी को वह कई बार तोड़कर बाहर निकल जाता था। वह मूलरूप से पश्चिम बंगाल के 24 परगना स्थित यादवपुर गांव का रहने वाला है। पुलिस को उससे कई नयी जानकारी व सफलता मिलने की उम्मीद है।

ऐसे पकड़ा गया प्रशांत बोस

कुख्यात नक्सली सुप्रीम कमांडर प्रशांत बोस अपनी पत्नी शीला मरांडी, चालक एवं एक महिला के साथ शुक्रवार के दिन के पूर्वाह्न 9 बजे सरायकेला खरसावां जिले के टांडा थाना अंतर्गत गिद्दीबेड़ा टोल प्लाजा से पकड़ा गया। उस महिला के साथ पांच साल की एक ब'ची भी है। वे सभी सफेद स्कॉर्पियो पर सवार होकर चांडिल की ओर जा रहे थे। सूत्रों के अनुसार तड़के 5 बजे से ही 9 थानों की पुलिस, जिले के कई वरीय पुलिस पदाधिकारी एवं एसटीएफ सादे लिबास में इस वाहन की प्रतीक्षा कर रहे थे।

इलाज कराने पहुंचा था

जैसे ही गिद्दीबेड़ा टोल प्लाजा पर संदिग्ध स्कॉर्पियो गाड़ी पहुंची, पुलिस ने उस वाहन में सवार सभी लोगों को अपने कब्जे में ले लिया। हालांकि जिला पुलिस की ओर से इसकी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है। सूत्रों के अनुसार प्रशांत बोस सरायकेला इलाज कराने पहुंचा था, तभी पुलिस को भनक लग गयी थी।