रांची (ब्यूरो)। बच्चे चाहे कितने भी बड़े हो जाएं, लेकिन मां के लिए बच्चे ही रहते हैं। मां और बच्चे का रिश्ता बेहद खास होता है। मां के समर्पण व प्रेम का मूल्य चुकाना असंभव है। ये बातें सफायर इंटरनेशनल स्कूल में विश्व मातृ दिवस व महाराणा प्रताप जयन्ती के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में सान्वी सिंह कक्षा चार ने कहीं। प्राचार्य अमित सिंह ने कहा कि महाराणा प्रताप के जीवन से सीखना चाहिए कि अपने व्यक्तिगत सुखों को त्याग कर कैसे समाज व देश के लिए कुर्बानी दी जाती है। आगे उन्होंने विश्व मातृ दिवस पर बधाई देते हुए कहा कि मां धरती पर भगवान का दूसरा रूप है जो बच्चे को हर मुश्किल व परेशानी से बचाती है, मां प्रेम, त्याग की प्रतिमूर्ति है जिसका मूल्य चुकाया ही नहीं जा सकता।
मां से जुड़ी यादें साझा की
मौके पर कक्षा चार के विद्यार्थियों द्वारा आकर्षक नृत्य प्रस्तुत किया गया, वहीं अथर्व कक्षा चार तथा फ्रेंक कक्षा चार ने मां से जुड़ी यादों को साझा करने के लिए सभा में उपस्थित लोगों से कई प्रश्न किए, जिसके उत्तर में विद्यार्थियों द्वारा मां से जुड़ी अपनी-अपनी यादों को साझा किया गया। सभा के अंतिम पड़ाव में कक्षा चार के आराध्या तथा गीतार्थ द्वारा महाराणा प्रताप पर आधारित सामान्यज्ञान के प्रश्न पूछे गए। कार्यक्रम का आरंभ कक्षा चार के विद्यार्थियों द्वारा प्रस्तुत प्रार्थना गीत से हुआ। संचालन तथा धन्यवाद ज्ञापन सान्वी सिंह कक्षा चार द्वारा किया गया। कार्यक्रम को सफल बनाने में कक्षाध्यापिका नेहा दास, पाश्चात्य नृत्य कला अध्यापिका श्रुति तथा कला शिक्षक रौशन व सागरेन्द्र का अहम योगदान रहा।