RANCHI:हंसते-हंसते लोगों की किसी भी समस्या का समाधान कर देने वाले देवल दा चुपचाप इस जहां से रुख्सत हो गए। उम्र भले ही 73 साल थी, लेकिन जिंदादिल ऐसे कि हर वक्त युवाओं को प्रेरित करने में पीछे नहीं रहते। रांची में क्रिकेट और क्रिकेटर्स को धार देने वाले देवल दा यानी देवल सहाय अब इस दुनिया में नहीं रहे। उन्होंने सीसीएल के डायरेक्टर रहते कई बेहतरीन क्रिकेटर्स को अपने संस्थान से खेलने के लिए जोड़ा। इनमें एक सबसे बड़ा नाम महेंद्र सिंह धोनी का भी है। मंगलवार की सुबह उन्होंने अंतिम सांस ली, रांची के खेलप्रेमियों की आंखें नम हो गईं।

ऐसे शुरू हुआ सफर

1992 तक देवल सहाय रांची स्थित मेकान में कार्यरत थे। धोनी के पिता पान सिंह भी उसी कंपनी के मुलाजिम थे। उस समय तक धोनी का क्रिकेट करियर शुरू ही हुआ था। 1993 में देवल सहाय मेकान छोड़ सीएमपीडीआइ (सेंट्रल माइन प्लानिंग एंड डिजाइन इंस्टीट्यूट लि.) आ गए और फिर 1997 में सीसीएल (सेंट्रल कोलफील्ड लि.) से जुड़ गए। इस समय तक रांची के क्रिकेट जगत में धोनी के नाम की चर्चा होने लगी थी। देवल सहाय उस समय सीसीएल के कार्मिक निदेशक के पद पर थे। अपने क्रिकेट प्रेम को लेकर उन्होंने पहल करते हुए सीसीएल में क्रिकेट टीम का गठन किया। इस टीम में नब्बे के दशक के कई जाने माने खिलाड़ी थे, जिसमें देवल सहाय ने धौनी को भी शामिल कर लिया। यहां से धौनी में और निखार आता गया।

कई खिलाडि़यों को दिया मौका

खेल प्रशासक के रूप में रांची के दर्जनों क्रिकेटर्स के करियर को एक मुकाम देने में उनकी अहम भूमिका रही। उनके दिशा-निर्देशन में दर्जनों क्रिकेटरों ने देश व राज्य का प्रतिनिधित्व किया। महेंद्र सिंह धोनी, प्रदीप खन्ना, आदिल हुसैन, अनवर मुस्तफा, धनंजय सिंह, सुब्रत दा, संजीव सिन्हा, राजीव कुमार राजा, सरफराज अहमद समेत कई क्रिकेटर्स के करियर बनाने का श्रेय देवल सहाय को ही जाता है।