रांची (ब्यूरो)। नगर की सरकार रांची नगर निगम है, जिसका मूल काम सिटी में पब्लिक की सुविधाओं को बहाल करना है। लेकिन, यही नगर निगम जब रोड पर अवैध पार्किंग का ठेका दे दे तो क्या कहने। जी हां, मेन रोड स्थित सेंट जेवियर्स कॉलेज के सामने रांची नगर निगम ने सिटी के लोगों को जाम में फंसाने का पुख्ता इंतजाम कर दिया है। यहां रोड पर पार्किंग के कारण एक ओर जहां कॉलेज के स्टूडेंट्स को आने-जाने में परेशानी होती है। वहीं, दूसरी ओर ठीक सामने ही स्थित सदर अस्पताल के मरीजों की भी जाम में काफी फजीहत होती है। यहां सिटी में सबसे ज्यादा ट्रैफिक जाम लगता है। लेकिन, इससे नगर निगम को क्या? उसे तो ठेका के पैसों से मतलब है, भले ही पार्किंग का ग्रीन सिग्नल रोड पर ही क्यों ना दे दे।

आधी सड़क पर ऑटो का कब्जा

दरअसल, रांची नगर निगम ने सेंट जेवियर्स कॉलेज के सामने समेत सिटी के अन्य इलाकों में पार्किंग के लिए टेंडर जारी किया है। जबकि कॉलेज के सामने रोड पर ऑटो वालों का अवैध कब्जा रहता है। आधी सड़क पर ऑटो वालों का हमेशा कब्जा रहता है। अब रांची नगर निगम ने टेंडर निकालकर इसे वैध बना दिया है। इसके लिए 4 लाख 50 हजार रुपए पार्किंग लेने वाले एजेंसी को बोली लगानी होगी। जबकि यहां पार्किंग वैध किए जाने से मेन रोड, पुरूलिया रोड, सर्जना चौक, लालजी-हिरजी रोड पर जाम बढ़ जाएगा। रांची नगर निगम दो फरवरी को ई-बिडिंग के जरिए बोली लगवाएगा।

सबसे अधिक जाम

शहर में हर दिन चारों तरफ जाम लगा रहता है। खासकर सेंट जेवियर कॉलेज के सामने रांची नगर निगम ने घोषित तौर पर टेंपो स्टैंड अड्डा बना दिया है। कॉलेज के सामने की पूरी सड़क पर ऑटो वालों का कब्जा रहता है। जब कॉलेज की छुट्टी होती है, उस समय तो लोग आधे घंटे जाम में फ ंसे रहते हैं। इसी रोड में उर्सुलाइन कॉन्वेंट, सेंट अन्ना गल्र्स स्कूल व सेंट जेवियर कॉलेज सहित कई संस्थान हैं। यहां पर बीच सड़क में ही नगर निगम ने टेंपो स्टैंड बना दिया है। अब नगर निगम इसकी बोली लगाने की तैयारी कर रहा है।

छात्राओं-मरीजों की फजीहत

पुरुलिया रोड में सेंट जेवियर्स कॉलेज गेट के पास ही ऑटो वालों ने अपना स्टैंड बना रखा है। यहां से नामकुम, तुपुदाना व धुर्वा के लिए रोज सैकड़ों ऑटो आते-जाते रहते हैं। आधे से भी ज्यादा रोड की चौड़ाई में ऑटो ही लगे रहते हैं। पैसेंजर बिठाने के चक्कर में आड़े-तिरछे भी ऑटो लगाए रखते हैं। इस कारण अक्सर जाम लगा रहता है। कॉलेज की छात्राओं को भी आने-जाने में परेशानी होती है। इतना ही नहीं, पास ही उर्सुलाइन गल्र्स स्कूल व सदर अस्पताल भी है। यहां की छात्राओं व मरीजों को स्कूल या अस्पताल घुसने में काफी मशक्कत करनी पड़ती है।