RANCHI: रांची की धरती जमीन के कारोबार में हमेशा लाल होती रही है। सिटी में जमीन विवाद को लेकर हर महीने हत्याएं हो रही हैं। रांची पुलिस इसे रोकने में सफल नहीं हो पा रही है। जमीन का कारोबार पुलिस की जानकारी में चल रहा है, फिर भी घटनाएं थम नहीं रही हैं। आदिवासी जमीन एवं विवादित जमीन की खरीद-बिक्री में ज्यादा घटनाएं हो रही हैं। सिर्फ इसी महीने जमीन विवाद में चार मर्डर कर दिए गए। लगातार दो दिनों में दो लोगों की हत्या कर दी गई। पुलिस हर हाल में इस पर लगाम लगाने को लेकर रणनीति बनाने में जुटी हुई है। लेकिन, जमीन के खेल में माफिया के शामिल होने से पुलिस की रणनीति कारगर साबित नहीं हो रही है। ऐसे में रांची पुलिस अब जमीन के खेल में शामिल अपराधियों का डेटा बेस बनाकर उनपर नजर रखने में जुट गई है।

यहां हो रही हैं सबसे अधिक हत्याएं

पुलिस रिकार्ड के अनुसार जमीन विवाद को लेकर सबसे अधिक हत्याएं कांके, नामकुम, तुपुदाना, डोरंडा और नगड़ी इलाके में हुई हैं। हाल के दिनों में भी डोरंडा थाना क्षेत्र में बीच सड़क पर एक जमीन कारोबारी की गोली मार कर हत्या कर दी गई। इसके चार दिन बाद खूंटी में एक जमीन कारोबारी का मर्डर कर दिया गया। वहीं बीते सोमवार और मंगलवार को राजधानी के अलग-अलग थाना क्षेत्रों में दो जमीन कारोबारी को मौत के घाट उतार दिया गया। घटना के बाद पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपियों को गिरफ्तार तो कर लिया है। लेकिन, वारदात रोकने में पुलिस सफल नहीं हो पा रही है। सोमवार को सिविल कोर्ट के वकील मनोज झा की अपराधियों ने तमाड़ में गोली मारकर हत्या कर दी। वहीं एदलहातू में भी जमीन कारोबार से जुड़े एक युवक की हत्या कर दी गई। इस संबंध में भी पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।

स्पेशल टीम भी नहीं रोक पा रही क्राइम

रांची पुलिस ने जमीन विवाद में हत्या के दौर पर लगाम लगाने के लिए रणनीति के साथ-साथ कई टीम भी बनाई है। स्पेशल टीम के साथ रांची पुलिस काम कर रही है। लेकिन बुलेट के खेल पर लगाम नहीं लग पाया है। हाल में ही रांची के खेलगांव थाना क्षेत्र में जमीन को लेकर अंधाधुंध फायरिंग हुई थी। इस घटना में एक व्यक्ति की मौत हो गई थी। घटना के कुछ दिनों बाद ही रातू थाना क्षेत्र में राजस्व कर्मचारी की जमीन विवाद में ही गोली मारकर हत्या कर दी गई। जगन्नाथपुर थाना क्षेत्र में तो पीसीआर वैन के सामने ही जमीन विवाद में युवक की चाकू मारकर हत्या कर दी गई। इसी तरह हर महीने राजधानी रांची में जमीन विवाद में हत्याएं और मारपीट हो रही हैं। बीते 15 दनों के अंदर जमीन विवाद में तीन लोगों की हत्या हो चुकी है।

27 जुलाई

एदलहातू में अजय मुंडा को घर से बुला कर अपराधियों ने मार डाला। पुलिस ने संदेह के आधार पर कुछ लोगों को गिरफ्तार किया है।

26 जुलाई

तमाड़ थाना क्षेत्र में अपराधियों ने अधिवक्ता मनोज झा की गोली मारकर हत्या कर दी। अधिवक्ता मनोज झा जेवियर संस्था के 14 एकड़ जमीन पर हो रही बाउंड्री देखने गए थे।

14 जुलाई

हिनू चौक के समीप दिन के 11.30 बजे कार में बैठे अल्ताफ की सरेआम गोली मार कर हत्या कर दी गयी। पुलिस ने कुछ अपराधियों को अरेस्ट किया है।

10 जुलाई

रातू थाना क्षेत्र में जमीन विवाद को लेकर एक युवक को मौत के घाट के उतार दिया गया।

26 फरवरी

डोरंडा थाना क्षेत्र की फॉरेस्ट कॉलोनी रात आठ बजे मुकेश यादव की जमीन विवाद में गोली मारकर हत्या कर दी गयी।

12 फरवरी

रातू ब्लॉक के राजस्व उप निरीक्षक सत्य प्रकाश श्रीवास्तव की शाम बाइक से घर जाने के दौरान गोली मारकर हत्या कर दी गई।

जमीन विवाद मामले में पुलिस एसआईटी गठित कर अपराधियों की धड़-पकड़ कर रही है। जमीन के खेल में शामिल शातिर अपराधियों का डेटा बेस तैयार हो रहा है। जल्द ही कार्रवाई होग।

एसके झा, एसएसपी रांची