रांची: इन दिनों सिटी में मर्डर करने का एक नया ट्रेंड चल पड़ा है। पहले जहां पत्थर से कूच कर या फिर गोली मारकर हत्या हो रही थी। वहीं इन दिनों लगातार छुरे से मर्डर के मामले सामने आ रहे हैं। सिर्फ तीन महीने में ही दर्जनों मामले सामने आ चुके हैं, जिनमें मर्डर के लिए छुरा या किसी दूसरे धारदार हथियार का इस्तेमाल किया गया है। हाल के दिनों में राजधानी रांची और आसपास के इलाकों से दर्जनों ऐसे केसेज सामने आ चुके हैं। दो दिन पहले ही कांके एरिया में एक हस्बैंड व वाइफ को छुरा से गला रेतकर मौत के घाट उतार दिया गया। सबसे बड़ी बात तो यह है कि जिस छुरा का इस्तेमाल आपराधिक मामलों में किया जाता है। वह बड़ी ही आसानी से मार्केट में अवेलबेल है। सिटी की हार्डवेयर दुकानों में ही इस तरह के खतरनाक हथियार आसानी से मिल जाते हैं। कोई भी आम इंसान बिना कोई प्रूफ दिए भी इस हथियार को खरीद सकता है।

200 से 900 रुपए में मिल जाता है यह हथियार

इतना खतरनाक हथियार जिससे किसी भी व्यक्ति को मौत के घाट उतारा जा रहा है। ऐसे हथियार की खरीद-बिक्री पर कोई रोक-टोक नहीं है। सिटी के कुछ हार्डवेयर स्टोर में छुरा से लेकर तलवार तक की बिक्री खुलेआम हो रही है। वे हार्डवेयर स्टोर के नाम पर लाइसेंस ले रखे हैं। लेकिन इसमें छुरा भी बेच रहे हैं। बटन वाला छुरा, फोल्डिंग छुरा, छह इंच छुरा, चाइनीज छुरा मार्केट में आसानी से अवेलेबल है। ये हथियार महज दो सौ रुपए से लेकर नौ सौ रुपए में दुकानों पर मिल जाता है। सिर्फ दुकान ही नहीं, रांची के आसपास लगने वाले हाट-बाजार में भी ये हथियार खुलेआम बिक रहा है। हालांकि, सबसे ज्यादा डिमांड रामपुरी या रामप्यारी की रहती है, जो एक बटन छुरा है। रामपुरी चाकू की कीमत थोड़ी ज्यादा है, इस कारण चाइनीज चाकू की भी डिमांड बढ़ी है।

नहीं है कोई नियम

चाकू बेचने के लिए किसी तरह के लाइसेंस की जरूरत भी नहीं है। कानून के जानकार अमरप्रीत सिन्हा ने बताया कि चाकू को हथियार की श्रेणी में शामिल नहीं किया गया है। हालांकि यह एक औजार है। इस वजह से सभी दुकानों में इसे बेचना वर्जित है। चाकू में कई तरह के चाकू हैं, किचन चाकू भी इसमें शामिल है। यह किसी भी शापर्स मार्ट में आसानी से उपलब्ध रहता है। वहीं छुरा सभी दुकानों में नहीं बिकता है। हार्डवेयर स्टोर वाले भी छिपाकर इसका व्यापार करते हैं। हालांकि, इसकी कभी कोई जांच नहीं की जाती है। न ही इसे हार्डवेयर स्टोर वालों को रखने से मना किया गया है। जिस तरह इसे बेचने के लिए कोई नियम नहीं है, उसी प्रकार खरीदने वाले व्यक्ति को भी इसके लिए ज्यादा मशक्कत नहीं करनी पड़ती है। जानकार बताते हैं कि इस तरह के खतरनाक हथियार भारत-नेपाल बॉर्डर के पास स्थित रामपुर से मंगाये जाते हैं। यही वजह कि इसे रामपुरी नाम दिया गया। पहले लोहे और लकड़ी के बेंत से चाकू बनता था। अब कई डिजाइनदार छुरा मार्केट में मिल जाते हैं।

रामपुरी के अलावा अन्य छुरे की भी है डिमांड

चाकू विक्रेता तिवारी ने बताया कि रामपुरी चाकू हैंडमेड होता है। इसे तैयार करने में काफी कम वक्त लगता है। लेकन इधर चाइनीज चाकू की डिमांड काफी बढ़ी है। रामपुरी के अलावा ब्लैक कमांडो की भी डिमांड रहती है। इसमें पकड़ने के लिए ग्रिप और पंच भी है जो काफी मजबूत पकड़ देता है। इसके अलावा स्टील टार्च नाइफ और ब्लैक टार्च नाइफ नामक चाकू की भी काफी मांग है। एके-47 नामक भी एक चाकू आता है। इसे सीआरपीएफ के जवान और फौजी ज्यादा खरीदते हैं। इनमें लॉक सिस्टम भी है। पुराने चाकुओं के मुकाबले इसकी धार भी तेज है। चाकू विक्रेता ने बताया कि छह इंच फॉल तक चाकू बेचा और खरीदा जा सकता है।

हाल में छुरे से हुए मर्डर

26 फरवरी: कांके में छुरा मार कर दंपती की हत्या

25 फरवरी: सिमरिया में छुरा मार एक की हत्या

14 फरवरी: इटकी में गला रेतकर मौत के घाट उतारा

16 जनवरी: जगन्नाथ पुर थाना क्षेत्र में गला रेत कर हत्या

07 जनवरी: खूंटी में गला रेत कर शख्स का मर्डर

02 जनवरी: करमटोली में गला रेतकर युवक को मार डाला

20 दिसंबर: जगन्नाथपुर थाना क्षेत्र में चाकू मारकर हत्या

18 दिसंबर : हरमू रोड में स्कूटी सवार पर चाकू से हमला