रांची(ब्यूरो)। आरकेडीएफ यूनिवर्सिटी रांची में पांच दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया जा रहा है। इस राष्ट्रीय संगोष्ठी में बिहार, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड आदि राज्यों से रिसर्च स्कॉलर शामिल हो रहे हैं और अपना शोध आलेख प्रस्तुत कर रहे हैं। इसी कड़ी में बुधवार को एक दिवसीय संगोष्ठी जिसका शीर्षक 'साइंस, इंजीनियरिंग और टेक्नोलॉजी में उभरते रुझानÓ का आयोजन किया गया। कुलपति ने अपने वक्तव्य में कहा की साइंस, इंजीनियरिंग और टेक्नोलॉजी आज के दौर की प्रमुख आवशयकता है। इसमें दक्षता हासिल करना सम्पूर्ण मानवजाति के लिए वरदान सिद्ध होगा।

जयवायु परिवर्तन पर भी असर

आरकेडीएफ यूनिवर्सिटी भोपाल के प्रबंधन निदेशक डॉ बीएन सिंह मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित हुए। उन्होंने जलवायु परिवर्तन, जलवायु नीति और कृषि पर इसके प्रभाव पर विशेष जोर देने के साथ विज्ञान, इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी में उभरती प्रवृत्तियां के बारे में विस्तार पूर्वक बताया। जबकि कुलसचिव डॉ अमित कुमार पांडेय ने विज्ञान की आवश्यकताओं पर जोर देते हुए कहा की विज्ञान के बिना मानव जीवन की कलपना करना व्यर्थ है।

ब्लॉक चेन पर भी डाला प्रकाश

मुख्य वक्ता प्रभजोत कौर, सहायक प्राध्यापक (गणित विभाग), बीआईटी, मेसरा ने गणित के क्षेत्र में उभरते रुझान के बारे में विस्तार पूर्वक बताया। डॉ समामा अनवर, प्राध्यापिका, बीआईटी, मेसरा ने ब्लॉक चेन के बारे में व्याख्यान दिया। डॉ प्रजना मिश्रा, सहायक प्राध्यपक, रसायन विभाग, रक्षा शक्ति यूनिवर्सिटी ने पोलीमेरिक नॉन पार्टिकल्स प्रयोग के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि ड्रग डिलेवरी तकनीक द्वारा जहां दवा की आवश्यकता है उसी स्थान में दवा का प्रयोग किया जाता है। इसका प्रयोग कैंसर जैसी बीमारियों में किया जाता है। उन्होंने इस विषय पर विस्तार पूर्वक अपनी बातें रखीं। डॉ सुमित पांडेय, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस, एजुकेशन एंड टेक्नोलॉजी, शिवपुर ने कहा कि प्रौद्योगिकी का विकास बहुत तेजी से हो रहा है अगर हम देखें तो आज के दौर में चारों तरफ टेक्नोलॉजी से घिरे हुए हैं जो हम पहले सोचा करते थे वह वास्तविकता बन गई है।

कल भी एक विषय पर चर्चा

अतिथियों का स्वागत डॉ राजीव रंजन अभियांत्रिकी संकाय अध्यक्ष ने किया। मंच संचालन प्रियंका पांडे द्वारा किया गया। धन्यवाद ज्ञापन डॉ दीप्ति कुमारी ने किया। इस संगोष्ठी में परीक्षा नियंत्रक डॉ कुमकुम ख्वास, शैक्षणिक निदेशक डॉ अनीता, डॉ निरंजन मिश्रा, राजीव कुमार, प्रसून कुमार, पंकज चटर्जी एवं समस्त सहकर्मी मौजूद थे। गुरुवार को पर्यावरण और समाज से संबंधित सामाजिक विज्ञान और मानविकी के विषय में संगोष्ठी का आयोजन किया जा रहा है।