RANCHI : पांच लाख के ईनामी नक्सली तिलकमैन साहू उर्फ दीपक ने बुधवार को डीजीपी डीके पांडेय के समक्ष सरेंडर कर दिया। उसके खिलाफ सिमडेगा और गुमला के विभिन्न थानों में 34 मामले दर्ज हैं। उसे संगठन में सिमडेगा सब जोन में कोलेबिरा, जलडेगा, बांसजोर, ठेठईटांगर और बानो में एरिया कमांडर का जिम्मा सौंपा गया था। इसी साल उसे जोनल कमांडर बनाया गया था। उसने बताया कि पत्नी और अपने बच्चे की खातिर ही उसने नक्सली संगठन छोड़ने का फैसला लिया। अब मुख्यधारा में आकर परिवार के साथ समय व्यतीत करना चाहता हूं।

2002 में बना नक्सली

तिलकमैन गुमला जिले के पालकोट थाना स्थित उमरा कैराटोली का रहने वाला है। उसने 2002 में माओवादी कमांडर प्रकाश बिंझिया के दस्ते में एंट्री ली थी। इससे पहले वह विकास ख्रडि़या दस्ते के लिए काम करता था। 2004 में उसे गुमला जिले में पालकोट-रायडीह का एरिया कमांडर बनाया गया था। इस दौरान उसके नेतृत्व में माओवादियों ने कई बड़ी घटनाओं को अंजाम दिया। इसी साल उसे संगठन में जोनल कमांडर का ओहदा मिला था, पर उसने संगठन को छोड़ने के लिए सरेंडर करने का फैसला कर लिया।

34 वारदातों का वांटेड

- मई 2004 में कोलेबिरा थाना के गोबरधसा पहाड़ के पास पुलिस पर हमला

-31 दिसंबर, 2007 को बांसजोर थाना पर हमला

-जुलाई 2012 में सिमडेगा के पाकरटांड थाना के आसनबेड़ा में पुलिस टीम पर हमला

- मार्च 2013 में सिमडेगा थाना क्षेत्र के बूढ़ा परिवार में पुलिस के साथ मुठभेड़

- तीन सितंबर, 2014 को गुमला के मुरवई गांव में पुलिस के साथ मुठभेड़

-मई 2015 में पालकोट थाना क्षेत्र के जितियाटांड में कोबरा और झारखंड जगुआर के साथ हुए मुठभेड़ में शामिल

-2015 में बांसजोर टेंगरा टूकी में पुलिस के साथ मुठभेड़

ऑपरेशन नई दिशा से प्रभावित होकर सरेंडर

माओवादियों के जोनल कमांडर तिलकमैन ने ऑपरेशन नई दिशा से प्रभावित होकर सरेंडर किया है। वह पिछले 15 सालों से संगठन में सक्रिय था। लेकिन, परिवार की खातिर उसने नक्सली संगठन को छोड़ने का फैसला किया। डीजीपी के समक्ष सरेंडर करने के मौके पर सीआईडी एडीजी अजय कुमार सिंह, आईजी अरुण कुमार, आईजी ऑपरेशंस एमएस भाटिया, रांची रेंज के डीआईजी आरके धान और सिमडेगा के एसपी राजीव रंजन मौजूद थे। मालूम हो कि नक्सलियों के सरेंडर और पुनर्वास नीति के तहत ही ऑपरेशन नई दिशा चलाई जा रही है।