रांची: आपके घर भी बिजली बिल और मीटर रीडिंग की शिकायतें हैं तो अब टेंशन लेने की जरूरत नहीं है। बहुत जल्द आपके घर नई एजेंसी बिजली बिल वसूलने के लिए आने वाली है। जी हां, पहली एजेंसी की मिल रही लगातार शिकायतों के बाद झारखंड बिजली वितरण निगम नई एजेंसी को रांची में बिजली बिल वसूलने की जिम्मेदारी देने जा रहा है। इसके लिए जेबीवीएनएल द्वारा कॉम्पीटेंट एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड का सेलेक्शन कर लिया गया है। इस नई कंपनी को जिम्मेदारी दी जा रही है कि लोगों को समय पर और सही तरीके से बिजली का बिल उपलब्ध कराए। बता दें कि रांची में साढ़े तीन साल से फ्लूएंट ग्रिड कंपनी बिजली बिल वसूली का काम कर रही थी। कंपनी को लेकर उपभोक्ताओं द्वारा कई बार शिकायत की गई कि कंपनी सही तरीके से बिलिंग भी नहीं करती है और मीटर रीडिंग भी समय पर नहीं होती है।

ऊर्जा मित्रों को दी जाएगी ट्रेनिंग

बिजली वितरण निगम के एक अधिकारी ने बताया कि नई कंपनी जब काम संभालेगी तो उसके यहां काम करने वाले ऊर्जा मित्रों को और अधिक जिम्मेदार बनाया जाएगा। उनको ट्रेनिंग दी जाएगी कि किस तरह से कंज्यूमर के घर जाएं। कैसे उनको कन्वींस करें, कैसे उनको सही तरीके से और समय पर बिल उपलब्ध कराएं। साथ ही उनको यह भी ट्रेनिंग दी जाएगी कि वो उपभोक्ताओं के घर जाकर उनको कन्वींस करके और बिजली बिल का भुगतान करवाएं।

2017 में मिला था काम

बता दें कि हर तीन साल के लिए एजेंसियों का चयन किया जाता है। टेंडर पूरी होने की प्रक्रिया जारी है, इसकी घोषणा की जाएगी। साल 2017 में इसके पहले टेंडर किया गया था, जिसमें सात विद्युत आपूर्ति क्षेत्रों के लिए एजेंसियों का चयन किया गया। बता दें कि इन्हीं बिलिंग एजेंसियों के अंतर्गत ऊर्जा मित्र काम करते हैं। ऐसे में संभावना है कि एजेंसियों के बदले जाने के बाद ऊर्जा मित्र भी बदले जाएं। राजधानी रांची में पिछले साढ़े तीन साल से बिलिंग फ्लूएंट नामक एजेंसी कर रही है। हालांकि, जब तक टेंडर प्रक्रिया पूरी नहीं होती, तब तक कार्यरत एजेंसियां ही काम करेंगी। जेबीवीएनएल मुख्यालय की ओर से एजेंसियों का चयन किया जा रहा है, जिसमें मीटरिंग, बिलिंग और कलेक्शन को दुरुस्त करने की कोशिश की जा रही है।

कम हुआ रेवेन्यू कलेक्शन

जेबीवीएनएल में राजस्व वसूली शुरू से विवादों का बड़ा कारण रहा है। अपने गठन से ही जेबीवीएनएल राजस्व वसूली को दुरुस्त नहीं कर पाया है। हर महीने जेबीवीएनएल को 200 से 250 करोड़ राजस्व मिलता है, जबकि सिर्फ बिजली खरीद में ही 500 करोड़ खर्च होते हैं। ऐसे में जेबीवीएनएल हर महीने नुकसान में रहता है। डीवीसी का बकाया भुगतान भी लंबित है।

रांची में बिजली बिल वसूली करने के लिए नई एजेंसी का चयन कर लिया गया है। जल्द ही बोर्ड मीटिंग में इसे पास कर लिया जाएगा। उसके बाद पुरानी एजेंसी की जगह नई एजेंसी बिल वसूलने का काम करेगी।

-प्रभात कुमार श्रीवास्तव, जीएम, रांची