- अब सोशल डिस्टेंसिंग के साथ घाटों पर होगा छठ

- नदी, तालाब, डैम आदि में छठ नहीं करने का आदेश बदला

- झारखंड सरकार ने जारी किए संशोधित दिशा-निर्देश

- मुख्यमंत्री ने लोगों से सुरक्षित शारीरिक दूरी के पालन का किया अनुरोध

छठ को लेकर दो दिनों तक चले हाई वोल्टेज ड्रामा के बाद राज्य सरकार 44 घंटे के भीतर ही बैकफुट पर आ गई है। 15 नवंबर की रात मुख्य सचिव ने सार्वजनिक घाटों पर छठ पूजा का आयोजन नहीं करने से संबंधित आदेश जारी किया था, जिसे मंगलवार को खुद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बदलने का एलान कर दिया। सीएम ने सोशल डिस्टेंसिंग के साथ नदी, तालाब और डैम आदि में छठ पूजा के आयोजन की इजाजत देने की घोषणा की। इसके साथ ही दो दिनों तक हुए विरोध-हंगामे पर विराम लग गया।

सरकार पर था चौतरफा दबाव

नदियों और तालाबों के किनारे छठ पूजा की छूट के लिए राज्य सरकार पर चौतरफा दबाव था। प्रमुख विपक्षी दल भाजपा के अलावा सत्ताधारी दल झामुमो, कांग्रेस, राजद आदि ने भी आदेश वापस लेने की मांग की थी। भाजपा ने तो बेहद आक्रामक कैंपेन भी शुरू कर दिया था। मुख्य सचिव सुखदेव सिंह के हस्ताक्षर से जारी दिशा-निर्देश में घाटों पर पूजा के आयोजन पर प्रतिबंध लगाते हुए लोगों से घरों में ही छठ पूजा करने की अपील की गई थी। इसके बाद सोमवार को भाजपा और हिंदूवादी संगठनों समेत झामुमो, कांग्रेस और सरकार के सहयोगी दलों ने भी जनभावना के मद्देनजर सरकार से फैसले पर पुनर्विचार का आग्रह किया था।

सुरक्षा नियमों का पालन करें

मंगलवार को झारखंड मंत्रालय में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इसकी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि संशोधित दिशा-निर्देश के मुताबिक सुरक्षित शारीरिक दूरी के नियमों का अनुपालन करते हुए तालाबों और घाटों पर छठ पूजा की अनुमति दी गई है। राज्य सरकार ने पूर्व में तालाब, डैम, झील और नदी किनारे व घाटों पर पूजा करने पर लगी रोक के आदेश को वापस ले लिया है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा है कि छठ घाटों पर शारीरिक दूरी और कोरोना से बचाव के मद्देनजर जारी सुरक्षा के नियमों का पालन करते हुए लोग कम संख्या में लोग पूजा कर सकते हैं।

घर पर ही पूजा पर जोर

मुख्यमंत्री ने यह भी आग्रह किया कि बेहतर यही होगा कि अधिकाधिक संख्या में घरों पर ही छठ पूजा करें। नदी, तालाबों के घाटों समेत सार्वजनिक जलाशयों में कम संख्या में ही लोग जाएं। साथ ही लोग सुरक्षित शारीरिक दूरी का अवश्य पालन करें। सार्वजनिक स्थानों पर जाने वाले लोग मास्क का उपयोग भी सुनिश्चित करें।

कांग्रेस ने सीएम को दिया धन्यवाद

झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा छठ की गाइडलाइंस में किए गए संशोधन पर धन्यवाद करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ने जन आकांक्षा और आस्था के महापर्व को ध्यान में रखते हुए छठ की गाइडलाइंस में छूट देने का काम किया है। हालांकि, उन्होंने यह भी अपील की है कि जैसे हजारों लोग अपने घर से ही छठ पूजा करते हैं, वैसे ही इस बार ज्यादा से ज्यादा लोग घर से ही पूजा करने का प्रयास करें, ताकि कोरोना संक्रमण भयावह रूप न ले। ठाकुर ने कहा कि इस दौरान भाजपा द्वारा धर्म की आड़ में राजनीति करने का कुत्सित प्रयास किया गया, जो सर्वथा ¨नदनीय है। भाजपा नेताओं ने छठव्रतियों की भावनाओं को भड़काने का प्रयास किया। भारतीय जनता पार्टी के नेता यह भूल गए कि उन्हीं के नेता और प्रधानमंत्री कहते हैं कि 'जब तक दवाई नहीं, तब तक ढिलाई नहीं.' बता दें कि मंगलवार को ही कांग्रेस के एक शिष्टमंडल ने छठ पर्व को लेकर आपदा प्रबंधन विभाग के आदेश में संशोधन की मांग के संबंध में सीएम हेमंत सोरेन से मुलाकात की थी।

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आज से शुरू होगा छठ

बुधवार को नहाय-खाय (कद्दू-भात) के साथ चार दिवसीय छठ महापर्व का आयोजन होगा। लोक आस्था के इस महापर्व पर व्रती शुक्रवार को नदियों, तालाबों और अन्य जलाशयों के किनारे अस्ताचलगामी सूर्य तथा शनिवार अलसुबह उदीयमान सूर्य को अ‌र्घ्य देंगे। कोरोना काल में इस बार छठ महापर्व के आयोजन पर भी विशेष एहतियात बरते जा रहे हैं।