रांची (ब्यूरो)। रांची में 33 मेगावाट हाइडल प्रोजेक्ट से बिजली का उत्पादन होगा। झारखंड रिन्युएबल एनर्जी डेवलपमेंट एजेंसी (जेरेडा) की ओर से यह तैयारी की जा रही है। इसके लिए रांची जिले के पांच फॉल का चयन किया गया है। यह पांच फॉल टूरिस्ट प्लेस भी हैं। इन जगहों से अब बिजली का उत्पादन होगा और रांची को 33 मेगावाट और अधिक बिजली की सप्लाई होगी।

रांची में पांच प्रोजेक्ट

रांची जिले के हुंडरू, दशम, जोन्हा, सीता फ ॉल और कारो नदी में हाइड्रो पावर प्लांट लगाये जाएंगे। इससे संबंधित प्रस्ताव बना है। जेरेडा ने राज्य भर में ऐसे 13 स्थानों को चिह्नित किया है, जिसमें ये 5 भी शामिल है। ये जगह इतनी खूबसूरत है कि किसी का भी मन मोह लेती है, अब इन जगहों से बिजली का भी उत्पादन होगा।

125 मेगावाट पैदा होगी पनबिजली

जेरेडा ने राज्य की विभिन्न नदियों पर 13 लघु जल विद्युत परियोजनाओं को स्थापित करने के लिए तैयारी कर ली है। जेरेडा के एक अधिकारी ने बताया कि राज्य भर में हाइडल पावर से 125.20 मेगावाट पनबिजली पैदा की जाएगी।

सीता फ ॉल

सीता फॉल में हाइड्रो पावर प्लांट लगाए जाने की योजना बनी है। यहां 0.7 मेगावाट बिजली उत्पादन की योजना है। ये फ ॉल घूमने के दृष्टिकोण से भी बेहद शानदार है। इसकी खूबसूरती ये है कि यहां पर 170 फीट की ऊंचाई से पानी गिरता है।

हुंडरू फ ॉल

हुंडरू फ ॉल में भी हाइड्रो पावर प्लांट लगाने की योजना बनी है। रांची जिले में स्थित ये झारखंड के सबसे लोकप्रिय पर्यटन स्थल में से एक है। जिसकी ऊंचाई 320 फीट है। हुंडरू फ ॉल से सबसे अधिक 11 मेगावाट बिजली का उत्पादन होगा।

जोन्हा फ ॉल

रांची-मुरी रोड पर अनगड़ा से 37 किलोमीटर दूर जोन्हा फ ॉल है। इस जगह पर भी एक मेगावाट का हाइड्रो पावर प्लांट लगाने की योजना है। पहाड़ों के बीच 144 किमी के ऊंचाई से गिरता पानी इसकी सबसे बड़ी खूबसूरती है। यहां पर एडवेंचर पार्क, चिल्ड्रेन पार्क जैसी कई सुविधाएं है। यहां पर हर साल पर्यटकों की भारी भीड़ उमड़ती है।

दशम फॉल

दशम फ ॉल रांची से 35 किमी दूर स्थित है। इस झरने का मुख्य जल स्रोत कांची नदी है, जो यहां 144 फीट की ऊंचाई से आता है। इस फॉल की विशेषता ये है कि जब भी लोग इस झरने को देखते हैं तो 10 पानी की धाराएं भी गिरती दिखाई देती हैं। यहां भी छह मेगावाट का हाइड्रो पावर प्लांट लगाने की योजना है।