- कैबिनेट ने कार्मिक विभाग के प्रस्ताव को स्वीकृति दी, बाहर के लोगों के लिए रास्ता बंद

- दूसरे राज्यों से पढ़े आरक्षित श्रेणी के अभ्यर्थियों के लिए इस नियम को किया गया शिथिल

- अनुकंपा के आधार पर राज्य स्तरीय नियुक्ति के मामले में भी यह नियम प्रभावी नहीं होगा

- मैट्रिक से लेकर स्नातक स्तरीय परीक्षाओं के लिए नियुक्ति नियमावली को मिली हरी झंडी

- कर्मचारी चयन आयोग अब प्रारंभिक और मुख्य परीक्षा की जगह एक ही परीक्षा लेगा

- ¨हदी दक्षता परीक्षा अब पहले से आसान, कैबिनेट ने दी 27 प्रस्तावों को स्वीकृति

रांची : राज्य सरकार ने नियुक्तियों को लेकर तैयार आठ नियमावलियों को एक साथ संशोधित कर स्वीकृ़ति प्रदान कर दी है। इनमें मैट्रिक से लेकर स्नातक स्तरीय परीक्षाओं के लिए अब एक जैसे संशोधन किए गए हैं। नए संशोधन के अनुसार झारखंड में मैट्रिक से लेकर स्नातक स्तरीय नौकरियों के लिए यहां के मान्यता प्राप्त स्कूल से मैट्रिक अथवा इंटर की पढ़ाई की अनिवार्यता सुनिश्चित की गई है।

हालांकि, झारखंड में आरक्षण का लाभ लेनेवाले लोगों के लिए इस नियम को शिथिल किया गया है। मतलब यह कि अगर झारखंड के आरक्षित श्रेणी का कोई व्यक्ति अन्यत्र से भी मैट्रिक पास है तो उसे परीक्षा से वंचित नहीं किया जा सकता है। इसके साथ ही कर्मचारी चयन आयोग प्रारंभिक और फाइनल परीक्षा की जगह एक ही परीक्षा से नियुक्ति प्रक्रिया को पूरा करेगा। राज्य कैबिनेट ने इसके साथ ही कुल 27 प्रस्तावों को स्वीकृति प्रदान कर दी है।

---

नियुक्ति परीक्षाओं के लिए कुछ नई शर्ते

नियुक्ति परीक्षाओं के लिए सरकार ने कुछ शर्तें भी निर्धारित की हैं। इनमें प्राथमिक शर्त यह है कि अभ्यर्थियों को स्थानीय रीति-रिवाज का ज्ञान होना अनिवार्य होगा। भाषा ज्ञान की परीक्षा में ¨हदी और अंग्रेजी में पहले अलग-अलग 30 अंक लाने अनिवार्य होते थे, उसकी जगह अब दोनों विषयों को मिलाकर 30 प्रतिशत अंक लाने होंगे। यह अंक मेरिट लिस्ट बनाने के क्रम में नहीं जुड़ेंगे। वहीं, चिन्हित क्षेत्रीय भाषा में 30 प्रतिशत अंक और सामान्य ज्ञान में 30 प्रतिशत अंक लाने की अनिवार्यता बनी रहेगी। क्षेत्रीय भाषाओं में उर्दू, संथाली, बंगाली, हो, नागपुरी, पंच परगनिया, ओडि़या आदि भाषाएं शामिल हैं। जिला स्तरीय परीक्षाओं के लिए स्थानीय भाषा बदल भी सकती है।

----

10 मिनट में अब 300 की जगह 250 शब्द ही करने होंगे टाइप

राज्य सरकार अब झारखंड में नियुक्तियों के लिए अनिवार्य ¨हदी दक्षता परीक्षा को भी पहले से आसान कर दिया है। पूर्व में जहां प्रति मिनट 30 शब्द की रफ्तार से 10 मिनट में 300 शब्द टाइप करना होता था, उसी जगह अब 25 शब्द प्रति मिनट की रफ्तार से 10 मिनट में 250 शब्द टाइप करने होंगे। इसके साथ ही पहले जहां 1.5 प्रतिशत तक गलत टाइ¨पग माफ थी, वहीं अब यह दो प्रतिशत कर दिया गया है।

----

पीएचडी कर चुके शिक्षकों को घंटी आधारित क्लास में प्राथमिकता

राज्य सरकार ने झारखंड के विश्वविद्यालयों में पीजी की पढ़ाई के लिए घंटी आधारित शिक्षकों के चयन से संबंधित नियमों में भी बदलाव करने का निर्णय लिया है। पूर्व में जहां सेवानिवृत्त शिक्षकों को ही घंटी आधारित पढ़ाई के लिए संविदा पर रखने का प्रावधान था वहीं अब नेट पास, पीएचडी कर चुके शिक्षकों को भी प्राथमिकता दी जा सकेगी।

-----------

जेपीएससी सदस्यों के लिए तीन नामों पर सहमति

कैबिनेट ने झारखंड लोक सेवा आयोग के लिए तीन नामों पर अपनी सहमति दे दी है। इनमें अजिता भट्टाचार्य (लाला लक्ष्मी नारायण डिग्री कॉलेज, सिरसा, इलाहाबाद की एसोसिएट प्रोफेसर), डा। अनिमा हांसदा (गोस्सनर कॉलेज, रांची विवि में संताली भाषा की यहायक प्रोफेसर) और डा। जमाल अहमद (संत कोलंबा महाविद्यालय हजारीबाग में उर्दू विभाग के विभागाध्यक्ष) के नाम शामिल हैं। सभी सदस्य अपने पद ग्रहण करने की तिथि से छह वर्ष तक अथवा संघ लोक सेवा आयोग की दशा में 65 वर्ष की आयु प्राप्त कर लेने तक या फिर राज्य या संयुक्त आयोग की दशा में 62 वर्ष की उम्र प्राप्त कर लेने तक (जो भी पहले हो) के लिए सदस्य बना रहेगा।

----------

तीन सितंबर से नौ सितंबर तक विधानसभा का मानसून सत्र

राज्य में तीन सितंबर से शुरू होकर नौ सितंबर तक मानसून सत्र का आयोजन किया जाएगा। इस दौरान पांच कार्यदिवस होंगे। पहले दिन तीन सितंबर को शपथ ग्रहण के अलावा विधानसभा सत्र में नहीं रहने की अवधि में राज्यपाल के द्वारा प्रख्यापित अध्यादेशों की प्रमाणीकृत प्रतियों को पटल पर रखा जाएगा। इसी दिन शोक प्रकाश का भी आयोजन होगा। चार और पांच सितंबर को अवकाश रहेगा। छह सितंबर को प्रश्नकाल, मुख्यमंत्री प्रश्नकाल और प्रथम अनुपूरक व्यय विवरणी पेश की जाएगी। सात सितंबर को प्रश्नकाल के अलावा राजकीय विधेयक पेश किए जाएंगे। नौ सितंबर को प्रश्नकाल के बाद राजकीय विधेयक पेश किए जाएंगे जिसके बाद गैर सरकारी संकल्प पेश होंगे।

-----------------