- शहर के कई इलाकों में बिछाई जाएगी नई पाइपलाइन

- जुडको ने जलापूर्ति योजना के लिए की तैयारी

यहां लगेगा वाटर ट्रीटमेंट प्लांट

1. बरियातू

2. कांटाटोली

3. कांके

4. मोरहाबादी

5. चिरौंदी

6. रुक्का डैम

राजधानी के अधिकतर घरों में पाइपलाइन से आ रहे गंदे पानी की सप्लाई से लोग परेशान हैं। शहर का कोई भी ऐसा इलाका नहीं, जहां लोगों के घरों में गंदे पानी की सप्लाई नहीं होती हो। अब इस समस्या से निजात दिलाने के लिए सिटी और आसपास छह नए वाटर ट्रीटमेंट प्लांट लगाए जाएंगे। बरियातू, कांटा टोली, कांके, मोरहाबादी, चिरौंदी और रुक्का डैम में वाटर ट्रीटमेंट प्लांट लगाया जाएगा। इससे शहर में गंदे पानी की सप्लाई की समस्या का बहुत हद तक निवारण हो पाएगा। जिन जगहों पर वाटर ट्रीटमेंट प्लांट लगाया जाएगा, वहां से पूरे शहर को पानी भेजी जाएगी। शहरी पेयजलापूर्ति योजना के तहत इसका निर्माण किया जाएगा। झारखंड अर्बन डेवलपमेंट एजेंसी (जुडको) की ओर से फेज टू का काम शुरू करने के लिए एजेंसी का चयन भी कर लिया गया है। जल्द ही यहां निर्माण कार्य शुरू होगा।

फेज टू के तहत काम

राजधानी के अधिकतर इलाकों को सप्लाई पानी पहुंचाया जा रहा है। इसके लिए डैम में ही वाटर ट्रीटमेंट प्लांट लगाया गया है। एक वाटर ट्रीटमेंट प्लांट बूटी बस्ती में भी लगाया गया है। वाटर ट्रीटमेंट प्लांट बहुत पुराना हो जाने के कारण लोगों के घरों तक गंदे पानी की सप्लाई भी हो जाती है। रांची में शहरी पेयजलापूर्ति योजना का दूसरा चरण (फेज-2) शुरू हो चुका है। जुडको ने योजना के कार्यान्वयन के लिए संवेदक के साथ एमओयू कर लिया है। टोपोग्राफी के जरिये पाइप लाइन का सर्वे शुरू हो चुका है। इसके अलावा संबंधित इलाकों में हाउस होल्ड का भी मैनुअल सर्वे किया जा रहा है।

नई पाइपलाइन बिछाई जाएगी

शहरी पेयजलापूर्ति योजना फेज-टू के तहत हरिहर सिंह रोड, बरियातू, पहाड़ टोली, खेलगांव, लोआडीह, कोकर, चुटिया, नामकुम, अनंतपुर, नेपाली बस्ती, कृष्णापुरी, सिरमटोली, रांची स्टेशन, कांटाटोली, पुरुलिया रोड, लालपुर, अहिरटोली, लोअर बाजार, चर्च रोड, कर्बला चौक व अरगोड़ा इलाके में लगभग 500 किमी तक पाइपलाइन बिछायी जाएगी।

गंदे पानी की होती है सप्लाई

अभी कई इलाकों से यह शिकायत मिल रही है कि सप्लाई से गंदा पानी आ रहा है। इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि रांची के तीनों डैम में ही गंदे पानी का जमाव हो गया है। कांके डैम में राजधानी के सात बड़े नाले गिरते हैं ये नाले कांके डैम के पानी को प्रदूषित कर रहे हैं। इन नालों के पानी को शोधित करने के बाद डैम में गिराने के लिए यहां वाटर ट्रीटमेंट प्लांट बनाया गया था। लेकिन, ये प्लांट भी खराब हो गया है। अब नाले का गंदा पानी सीधे कांके डैम में जा रहा है।

नदी भी हो गए नाले

रांची में बहने वाली हरमू और स्वर्णरेखा नदियां नाला बन गईं हैं। दोनों नदियों में अब ठहरा हुआ गंदा पानी ही है। ये पानी बह नहीं रहा है। पानी इस कदर गंदा है कि कोई भी देख कर इसे नदी नहीं कह सकता है। हरमू नदी का जीवन लौटाने के लिए सरकार ने करोड़ों रुपये खर्च किए, कई सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट बनाए गए मगर, हालात नहीं सुधरे। कोकर की जमुनिया नदी भी अब तकरीबन खत्म हो गई है। पहले ये नदी तकरीबन 15 फीट चौड़ी थी। इसमें साफ पानी बहता था। मगर अब नदी खत्म हो गई है। अब ये नदी नाला जैसी दिख रही है।