रांची: कोरोना काल में एंबुलेंस की कमी को लेकर चारों ओर चर्चा है। कोरोना मरीजों की संख्या बढ़ने से एंबुलेंस की सबसे अधिक जरूरत पड़ रही है। सरकार ने रांची में एंबुलेंस ड्राइवर्स के लिए रेट भी तय कर दिया है। लेकिन एक भी एंबुलेंस ड्राइवर इस रेट को फॉलो नहीं कर रहे हैं। अनाप-शनाप पैसा लोगों से वसूला जा रहा है, जबकि झारखंड सरकार की अपनी 108 एंबुलेंस योजना के तहत राज्य भर में 337 फुली इक्विपमेंट्स वाली एंबुलेंस चल रही हैं, जिकित्जा केयर द्वारा इसे चलाया जा रहा है। लेकिन इस महामारी में सिर्फ 110 एंबुलेंस को ही कोविड-19 के मरीजों के लिए यूज किया जा रहा है। बाकी एंबुलेंस अब भी आम दिनों की तरह रेफरल सेवा पर काम कर रही हैं। अगर इन सभी एंबुलेंस को इस महामारी से बचाने के लिए मरीजों की सेवा में लगाया जाता है तो निश्चय ही एंबुलेंस की किल्लत नहीं होगी।

117 एंबुलेंस की योजना कागज पर

राज्य सरकार रेफरल सेवा बढ़ाने लिए 117 एंबुलेंस खरीदेगी। यह योजना पिछले 2 साल से बन रही है। इनमें बेसिक लाइफ सपोर्ट से युक्त 91 एंबुलेंस और 26 एंबुलेंस एडवांस लाइफ सपोर्ट सिस्टम से लैस होंगी। एंबुलेंस की खरीद एवं उसके संचालन को लेकर स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त सचिव ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, झारखंड के अभियान निदेशक से विस्तृत रिपोर्ट भी मांगी है। संयुक्त सचिव ने कहा है कि आवश्यक मशीन, उपकरण, उपस्कर सहित एंबुलेंस को खरीदने में कितनी राशि की जरूरत होगी और इसके संचालन में कितना खर्च आएगा, इसका पूरा विवरण उपलब्ध कराया जाए। संयुक्त सचिव ने अभियान निदेशक से राज्य में पूर्व से संचालित 108 एंबुलेंस सेवा की भी विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। कहा है कि पूर्व में भारत सरकार द्वारा उपलब्ध कराई गई राशि से खरीदी गई एंबुलेंस की कितनी संख्या है और कितनी एंबुलेंस संचालित हैं? एंबुलेंसं की अपडेट स्थिति क्या है। इसका विस्तृत विवरण उपलब्ध कराया जाए। लेकिन यह योजना सिर्फ स्वास्थ्य विभाग और एनआरएचएम डायरेक्टर के बीच कागजों पर ही चल रही है।

जीवनरक्षक उपकरणों से लैस होंगी एंबुलेंस

सरकार द्वारा दो प्रकार की एंबुलेंस खरीदने की योजना है। बेसिक लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस में ऑक्सीजन, पल्स ऑक्सीमीटर समेत सामान्य प्राथमिक उपचार की तमाम सुविधाएं होंगी। वहीं, एडवांस लाइफ सपोर्ट सिस्टम की एंबुलेंस में अतिगंभीर मरीजों को निर्बाध उपचार की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए ऑक्सीजन, वेंटिलेटर, डिफबरिलेटर, मल्टीपारा मॉनिटर, फिटल डॉप्लर व जीवन रक्षक दवाओं से लेकर एक सामान्य आईसीयू की सभी जीवन रक्षक सुविधाएं उपलब्ध होंगी।

108 डायल के तहत 337 एंबुलेंस

108 डायल के तहत 337 एंबुलेंस चल रही हैं। राज्य में इमरजेंसी मेडिकल एंबुलेंस सर्विस के तहत फिलहाल 337 एंबुलेंस संचालित हैं। पीपीपी मोड पर जिकित्जा हेल्थ केयर द्वारा इसका संचालन किया जा रहा है। राज्य के लोगों को 108 डायल करने पर इसकी सुविधा मुफ्त उपलब्ध है। इस सुविधा के लिए सरकार प्रति एंबुलेंस लगभग सवा लाख रुपए मंथली सर्विस प्रोवाइडर को भुगतान करती है। इसके तहत राज्य में संचालित 337 एंबुलेंस में 293 जहां बेसिक लाइफ सपोर्ट की सुविधा से लैस हैं, वहीं 40 एंबुलेंस एडवांस लाइफ सपोर्ट की सुविधा से लैस हैं। जरूरत पड़ने पर कोई भी व्यक्ति 108 नंबर डायल कर इसकी सुविधा मुफ्त प्राप्त कर सकता है। शहरी क्षेत्र में यह एंबुलेंस मात्र 25 मिनट, अ‌र्द्ध शहरी में 40 मिनट और रूरल एरिया में 55 मिनट में मौके पर पहुंच जाएगी। एंबुलेंस में जरूरी चिकित्सकीय उपकरणों के साथ कुशल पारामेडिकल टीम भी रहती है।

एंबुलेंस संचालक वसूल रहे मनमाना किराया

कोरोना महामारी में एंबुलेंस वाले लोगों से मनमाना किराया वसूल रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग द्वारा सभी एंबुलेंस के लिए दूरी के अनुसार रेट तय कर दिया गया है। इसके बावजूद एंबुलेंस वाले अपनी मनमानी कर रहे हैं। जब किसी भी व्यक्ति को एंबुलेंस की जरूरत होती है वह प्राइवेट एंबुलेंस वाले से बात करता है और सरकार द्वारा रेट तय होने के बाद जैसे ही कहता है एंबुलेंस वाले मना कर देते हैं कि उनके पास एंबुलेंस अवेलेबल नहीं है। जब एंबुलेंस वाले द्वारा जो रेट बोला जाता है उस रेट पर लोग तैयार होते हैं तभी एंबुलेंस वाले उनके पेशेंट को लेने को तैयार होते हैं।