RANCHI:राजधानी में वैक्सीनेशन तेज करने को लेकर हर दिन टारगेट सेट किया जा रहा है, जिससे कि ज्यादा से ज्यादा लोगों को वैक्सीन लगाने का काम किया जा सके। लेकिन तमाम कोशिशों के बावजूद टारगेट पूरा नहीं हो पा रहा है। अब तो कोरोना वैक्सीन की फ‌र्स्ट डोज लेने वाले भी नहीं आ रहे हैं। जबकि वैक्सीन की फ‌र्स्ट डोज लगाने के 28 दिन बाद उन्हें सेकेंड डोज लेना है। अब ऐसे लोगों को हेल्थ डिपार्टमेंट ढूंढ रहा है कि 28 दिन हो गए हैं आप कहां हैं? इसके लिए लोगों से अपील की जा रही है कि वे लोग आकर कोरोना की सेकेंड डोज ले लें, जिससे कि कोरोना से लड़ाई में तैयारी अधूरी नहीं रहे।

2629 नहीं आए सेकेंड डोज लेने

16 जनवरी को राजधानी में कोरोना का वैक्सीनेशन शुरू हुआ था। उसके बाद से शहर में तीन जगहों पर कोरोना की वैक्सीन लगाई जा रही थी। इसके बाद सिटी में प्राइवेट हॉस्पिटल्स के अलावा सीसीएल में भी वैक्सीनेशन शुरू कर दिया गया। इसके बाद 24 प्राइवेट हॉस्पिटल्स में वैक्सीन लगाने की परमिशन दी गई ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों को वैक्सीन लगाई जा सके। रजिस्ट्रेशन कराने के बाद सिटी में शनिवार तक 37,757 लोगों ने कोरोना वैक्सीन की फ‌र्स्ट डोज ली है। इसके बाद 16 जनवरी से 4 फरवरी तक 8820 लोग फ‌र्स्ट डोज लगवा चुके थे, जबकि सेकेंड डोज के लिए 6191 लोग ही सामने आए। इससे स्पष्ट है कि 2629 लोग कोरोना वैक्सीन की सेकेंड डोज को लेकर गंभीर नहीं है।

क्यों जरूरी है वैक्सीन की पूरी डोज

-किसी भी वैक्सीन के लिए उसकी दो डोज होती है।

-बेनेफिशियरी को दोनों डोज लगाना है जरूरी

-पहली डोज शरीर को वैक्सीन के प्रभाव के लिए तैयार करती है।

-दूसरी डोज को सेकेंड्री या मॉड्यूलेटिंग डोज कहते है जो प्रतिरोधक क्षमता को बिल्ड करता है।

-कोविड वैक्सीन के लिए भी 28 दिन का वक्त है।

-गाइडलाइन के अनुसार सेकेंड डोज फ‌र्स्ट डोज से 42 दिन के अंदर लेनी है।

-सेकेंड डोज से वायरस से लड़ने के लिए प्रतिरोधक क्षमता बिल्ड करेगी।