RANCHI: चारा घोटाला मामले में सजा काट रहे लालू प्रसाद को अभी जमानत के लिए इंतजार करना होगा। उनकी जमानत पर अब 19 फरवरी को झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई होगी। शुक्रवार को जस्टिस अपरेश कुमार सिंह की अदालत ने सीबीआइ को लालू प्रसाद के जेल अवधि की निचली अदालत के आदेश की सत्यापित प्रति अदालत में दाखिल करने का निर्देश दिया है। लालू प्रसाद की ओर से भी जेल अवधि से संबंधित आदेश की प्रति अदालत में दाखिल की जानी है, जिस पर सीबीआइ ने आपत्ति जताई है। इस दौरान अदालत ने मौखिक रूप से कहा कि लालू प्रसाद के मामले में सीबीआइ एक-एक दिन की गिनती कर रही है, जबकि दूसरों के मामलों में ऐसा नहीं किया। लालू प्रसाद की जमानत पर हाई कोर्ट में चौथी बार सुनवाई टली है। बता दें कि लालू प्रसाद ने बीमारी, बढ़ती उम्र और आधी सजा पूरी करने का हवाला देते हुए हाई कोर्ट से जमानत देने की गुहार लगाई है। फिलहाल लालू प्रसाद का इलाज दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में हो रहा है।

बोले लालू के वकील

लालू के अधिवक्ता देवर्षि मंडल ने कहा कि अदालत में जब सीबीआइ लालू प्रसाद की आधी सजा पूरी नहीं करने का दावा कर रही है, तो उनको निचली अदालत के आदेश की प्रति कोर्ट में पेश करनी चाहिए थी, लेकिन सीबीआइ ने ऐसा नहीं किया है। इसी वजह से जमानत पर सुनवाई टल गई है। उन्होंने बताया कि दुमका कोषागार मामले में लालू प्रसाद ने 42 माह पूरे कर लिए हैं। यह अवधि आठ फरवरी को पूरी हो गई है, लेकिन इस बार भी लालू की जमानत का रास्ता रोक दिया गया।

जेल अवधि संबंधी जानकारी रखी

सुनवाई के दौरान लालू प्रसाद की ओर से सुप्रीम कोर्ट के वरीय अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने बताया कि उनकी जेल अवधि से संबंधित विस्तृत जानकारी कोर्ट में पेश की गई है। इसमें उनके जेल जाने की तिथिवार सूची दी गई है। इसके अनुसार लालू प्रसाद ने सजा की आधी अवधि जेल में काट ली है। सीबीआइ के अधिवक्ता राजीव सिन्हा ने इसका विरोध किया और कहा कि अब तक लालू प्रसाद ने 37 माह 12 दिन ही जेल में बिताएं। इस पर अदालत ने पूछा कि किस आधार पर सीबीआइ लालू के दावे पर आपत्ति जता रही है। क्या उनकी ओर से इससे संबंधित कोर्ट के आदेश की सत्यापित प्रति अदालत में दाखिल की गई है। इस पर सीबीआइ ने सत्यापित प्रति अदालत में दाखिल करने के लिए समय की मांग की। इस पर अदालत ने सोमवार तक दोनों पक्षों से संबंधित आदेश की सत्यापित प्रति कोर्ट में पेश करने का आदेश दिया है। मामले में अगली सुनवाई 19 फरवरी को होगी।