रांची: चारा घोटाले में सजायाफ्ता सह बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री व राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद की जमानत याचिका को झारखंड हाईकोर्ट ने शुक्रवार को खारिज कर दिया। जस्टिस अपरेश सिंह की अदालत में मामले की सुनवाई हुई, जिसमें कोर्ट ने कहा कि लालू यादव की आधी सजा पूरी होने में अभी 2 महीने 7 दिन बाकी हैं। ये सजा पूरी होने के बाद ही उन्हें जमानत दी जा सकती है।

सीबीआई ने पेश किया दस्तावेज

सुनवाई के दौरान सीबीआई की ओर से लालू प्रसाद की आधी सजा संबंधी दस्तावेज पेश किया गया। इसके मुताबिक उनकी आधी सजा पूरी होने में अभी दो महीने 7 दिन बाकी है। इस पर बहस हुई। इसके बाद अदालत ने लालू प्रसाद की जमानत याचिका खारिज कर दी। लालू प्रसाद के वकील ने बताया कि 1997 और 2001 में लालू यादव एक-एक महीने जेल में रहे हैं। लेकिन, कस्टडी में नहीं होने के कारण इस अवधि को गिना नहीं गया है। इसी कारण आधी सजा की अवधि दो महीने कम हो गई।

दो माह बाद जमानत की उम्मीद

लालू प्रसाद के वकील ने बताया कि वे 2 महीने बाद फिर से नए सिरे से आवेदन करेंगे। उन्होंने बताया कि उन्होंने कोर्ट में जो डॉक्यूमेंट जमा किया था वो लोअर कोर्ट और जेल सुपरिंटेंडेंट से प्राप्त किया गया था। उन्होंने बताया कि अब दो महीने बाद नए सिरे से जमानत के लिए आवेदन दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि 2 महीने बाद उम्मीद है कि जमानत मिल जाएगी।

लालू के वकील ने लगाया आरोप

इससे पहले जमानत याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट में पिछली सुनवाई 12 फरवरी को हुई थी। दोनों पक्षों की दलीलों के बाद सीबीआई ने आर्डर शीट जमा करने को लेकर कोर्ट से समय मांगा था, जिस पर विचार करते हुए झारखंड हाई कोर्ट ने अगली सुनवाई 19 फरवरी तक टाल दी थी। लालू यादव के अधिवक्ताओं के मुताबिक लोअर कोर्ट की जितनी रिपोर्ट झारखंड हाई कोर्ट से मांगी गई थी, वो सारी रिपोर्ट उन्होंने कोर्ट में जमा कर दी थी। लेकिन सीबीआई की तरफ से जानबूझ कर समय बढ़ाया जा रहा है।

चारा घोटाले के इन मामलों में लालू को हुई है सजा

चाईबासा कोषागार

-37.7 करोड़ रुपये अवैध निकासी का आरोप

-लालू प्रसाद समेत 44 अभियुक्त

-मामले में 5 साल की सजा

देवघर कोषागार

-84.53 लाख रुपये की अवैध निकासी का आरोप

-लालू समेत 38 पर केस

-लालू प्रसाद को साढ़े तीन साल की सजा

चाईबासा कोषागार

-33.67 करोड़ रुपये की अवैध निकासी का आरोप

-लालू प्रसाद समेत 56 आरोपी

-5 साल की सजा

दुमका कोषागार

-3.13 करोड़ रुपये की अवैध निकासी का मामला

-दो अलग-अलग धाराओं में 7-7 साल की सजा