RANCHI :रांची में पिछले सात महीने से कोरोना को लेकर बाजार में जो सन्नाटा पसरा था, वह धनतेरस पर टूट गया। गुरुवार को सिटी के बाजार में इतनी भीड़ थी कि कहीं-कहीं पैर रखने की भी जगह नहीं थी। खरीदारी पर ऑफरों की बौछार रही। राजधानी रांची में करीब 500 करोड़ का कारोबार हुआ । धनतेरस और दिवाली को लेकर शहर के ज्वेलरी बाजार में भी चमक रही। वहीं खरीददारी के लिहाज से साल के इस सबसे बड़े दिन के लिए ज्वेलरी की हर छोटी बड़ी दुकान में भीड़ लगी रही। खास तौर से रांची मेन रोड में कोरोना काल के बाद पहली बार बाजार में खरीददारी के लिहाज से इतनी चहल पहल दिखी। सोने के भावों में गिरावट का फायदा भी कस्टमर्स को मिला। धनतेरस की खरीदारी गुरुवार को शाम 5:26 बजे से शुरू हो गई। गुरुवार का दिन धनतरेस पड़ने से यह काफी शुभ माना गया है, क्योंकि गुरुवार को भगवान विष्णु का दिन है।

खूब हुई गाडि़यों की बिक्री

कई बैंक कार लोन पर प्रोसेसिंग चार्ज भी नहीं ले रहे हैं। कोरोना के कारण सार्वजनिक परिवहन पर लोग नहीं जाना चाहते और इसलिए वे अपनी खुद की गाड़ी रखना चाहते हैं। इसलिए गाडि़यों की बिक्री में जबर्दस्त तेजी आयी। धनतेरस के मौके पर कार की खरीदारी को आसान बनाने के लिए कई पब्लिक सेक्टर बैंकों ने अपने दरवाजे खोल दिये। कम से कम दस पब्लिक सेक्टर बैंकों ने अपने कार लोन की ब्याज दरों में कटौती कर दी है और ग्राहकों के सामने सबसे सस्ते कार लोन पेश किया है।

मेकिंग चार्ज में छूट का ऑफर

राजधानी के सभी बड़े ज्वेलरी शोरूम में ऑफर की भरमार रही। मेकिंग चार्ज में छूट के साथ ही कई कंपनियों ने ग्राहकों को डिस्काउंट, गिफ्ट में चांदी व कैशबैक का ऑफर भी दिया। साल के सबसे बड़े त्योहारी सीजन में धनतेरस के मौके पर सोना और चांदी की बिक्त्री बढ़ जाती है। ऐसे में कई ज्वेलरी ब्रांड्स ग्राहकों के लिए विशेष ऑफर दिया।

बाइक भी खूब खरीदी गई

झारखंड में सामान्य दिनों में हर माह औसतन लगभग 37,000 से 38,000 बाइक की बिक्री होती है। धनतेरस को लेकर इस बार झारखंड में लगभग 50,000 से अधिक बाइक बिक्री होने का अनुमान है। 65,000 रुपये औसतन कीमत से इसकी कीमत लगभग 325 करोड़ रुपये होती। झारखंड के डीलरों को 6,100 से अधिक कारों की बिक्त्री होने का अनुमान है। इसमें रांची की हिस्सेदारी लगभग 25 प्रतिशत की है। औसतन कीमत छह लाख रुपये के हिसाब से 366 करोड़ रुपये होता है।

5 करोड़ का मोबाइल कारोबार

धनतेरस में मोबाइल का जबरदस्त कारोबार होता है। झारखंड में कुल कारोबार लगभग 22.5 करोड़ रुपये होने की संभावना है। इसमें रांची की हिस्सेदारी लगभग 25 प्रतिशत है। इसके अलावा इलेक्ट्रॉनिक्स बाजार भी गुलजार नजर आया। एलईडी टीवी की भी खूब खरीदारी हुई।

60 करोड़ के बर्तन की बिक्री

बर्तन व्यापारियों का कहना है कि सबसे अधिक बिक्री धनतेरस पर होती है। छठ के लिए भी इसी समय बर्तन की खरीदारी होती है। राज्य में धनतेरस पर लगभग 60 करोड़ रुपये के बर्तन बिकी। बाजार स्टेनलेस स्टील, एल्मुनियम, पीतल व तांबे के आकर्षक डिजाइन वाले बर्तनों से पटे नजर आए। धनतेरस पर सोना-चांदी के साथ-साथ धातु के बर्तन खरीदने को शुभ माना जाता है।

अलग-अलग डिजाइन के सिक्के

धनतेरस और दिवाली के मौके पर सर्राफा बाजार में लक्ष्मी गणेश की आकृति वाले चांदी के सिक्के, यंत्र व मंत्र भी आए हैं। यह सिक्के 5 से 100 ग्राम तक वजन के हैं। इस बार 50-50 ग्राम के लक्ष्मी और गणेश के सिक्के भी आए हैं। जिनमें आकृति ज्यादा उभरी हुई है। इस वजह से यह पसंद भी खूब किए जा रहे है। इनके पीछे श्री यंत्र भी बना है और गणेश जी का मंत्र भी है।

400 करोड़ का ज्वेलरी बाजार

धनतरेस पर सोना-चांदी की खूब बिक्त्री हुई। व्यापारियों ने अनुमान लगाया है कि इस बार झारखंड में करीब 400 करोड़ रुपये के कारोबार हुआ। बता दें कि पूरे राज्य में सालभर करीब 2500 करोड़ रुपये के आभूषणों का कारोबार होता है।