रांची: राजधानी में कोरोना के दो-चार केस हर दिन मिल ही रहे हैं। ये मरीज नए इलाकों से मिलने के कारण लोगों को पहले से ज्यादा अलर्ट रहने को कहा जा रहा है। वहीं, बिना मास्क के घरों से बाहर नहीं निकलने की एडवाइजरी जारी की गई है। ऐसे में भले ही लोग कोरोना से बचाव के लिए जागरूक नजर आ रहे हैं, लेकिन अब लोगों ने हेलमेट पहनना छोड़ दिया है। इससे साफ है कि कोरोना का डर उन्हें है, लेकिन खुद की जान का डर नहीं है। यही वजह है कि लोग बिना हेलमेट के ही गाडि़यां चलाते हुए देखे जा रहा हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि मास्क कोरोना से तो बचा लेगा पर एक्सीडेंट हो गया तो कौन बचाएगा।

अपनाया शॉर्टकट रास्ता

बिना हेलमेट के बाइक चलाने वाले लोग मास्क लगा रहे हैं, जिससे कि उनका चालान न कटे। लेकिन हेलमेट के फाइन से बचने के लिए चौक-चौराहों से गुजरने से बचने लगे हैं। जहां सेंसर से लैस एचडी कैमरे उनका इंतजार कर रहे हैं। ऐसे में बिना हेलमेट वालों ने शार्टकट रास्ते ढूंढ रखे हैं। मेन रोड से अलग अंदर की गलियों से होते हुए वे अपने डेस्टिनेशन तक जा रहे हैं।

खुद के लिए कोई रूल्स नहीं

अगर एक्सीडेंट हो जाए तो डॉक्टर इंसान को बचाने का काम करते हैं। इसलिए वे भी लोगों को बाइक चलाते समय हेलमेट पहनने की सलाह देते हैं, जिससे कि एक्सीडेंट का खतरा कम हो जाए। लेकिन जब खुद पर इसे फॉलो करने की बात आती है तो डॉक्टर रूल्स ही भूल जाते हैं। बिना हेलमेट की बाइक सड़कों पर दौड़ाते हुए निकल जाते हैं।

फाइन का भी असर नहीं

बिना मास्क के पकड़े जाने पर पुलिस अलग-अलग धाराओं के तहत फाइन वसूल सकती है। वहीं हेलमेट नहीं पहनने की स्थिति में 1000 रुपए का फाइन है। इसके अलावा अब बाइक पर चलने वाले दोनों लोगों के लिए हेलमेट अनिवार्य किया गया है। फिर भी लोग फाइन भर रहे हैं लेकिन हेलमेट पहनने से परहेज कर रहे हैं। लेकिन वे यह नहीं जानते कि इसकी बड़ी कीमत चुकानी पड़ सकती है।

हेलमेट पहनें तो बच सकती है जान

हर साल सिटी में रोड एक्सीडेंट में सैकड़ों लोग अपनी जान गंवाते हैं, जिसमें सबसे ज्यादा एक्सीडेंट वैसे होते हैं जिसमें बाइक चलाने वालों ने हेलमेट नहीं पहना होता है। इसे लेकर हर साल एनसीआरबी रिपोर्ट भी जारी करता है। वहीं रोड सेफ्टी को लेकर पब्लिक को अवेयर भी किया जाता है। इसके बावजूद पब्लिक सुधरने को तैयार नहीं है। जबकि कोरोना के बीच रोड एक्सीडेंट से डबल अटैक का खतरा बना हुआ है।