RANCHI : दो साल गुजर गए, लेकिन राज्य और देश का नाम रौशन करने वाले दिव्यांग क्रिकेटर मुकेश कंचन को न तो सम्मानित किया गया और न ही किसी तरह की सहायता व सुविधाएं ही उपलब्ध कराई गई। 2015 में एशिया कप जीतने वाली टीम इंडिया के मेंबर रहे मुकेश कंचन को राज्य सरकार ने सम्मानित करने की घोषणा की थी, लेकिन सम्मान समारोह आयोजित करने का इंतजार अभी खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। ऐसे में यह प्रतिभाशाली खिलाड़ी हताश हो चुका है। वह यह नहीं समझ पा रहा कि आगे क्या करें।

खेल विभाग की दौड़

रांची शहर के कोकर में रहने वाला मुकेश कंचन शुरू से ही प्रतिभा का धनी रहा है। दिव्यांग क्रिकेट में उसने अपने खेल से राज्य और देश का मान-सम्मान बढ़ाया है। 2013 में उसने अपने खेल से सेलेक्टर्स का ध्यान अपनी ओर खींचा था। इसके बाद उसका सेलेक्शन दिव्यांग इंडियन टीम के लिए हुआ। 2015 के एशिया कप में उसने अपने खेल से टीम इंडिया को विनर बनाने में अहम योगदान दिया। उस मौके पर मुख्यमंत्री, खेल मंत्री और खेल निदेशक ने उसे सम्मानित किए जाने की घोषणा की थी। लेकिन, यह घोषणा हवा-हवाई साबित हो रही है। मुकेश दो साल से खेल विभाग के चक्कर लगा रहा है, लेकिन उसे सम्मानित करना तो दूर किसी तरह की सहायता भी उपलब्ध नहीं कराई जा रही है।

तलवारबाजी में भी जीत चुका है मेडल

दिव्यांग मुकेश कंचन न सिर्फ क्रिकेट बल्कि तलवारबाजी में अपना हुनर दिखा चुका है। इसी साल छत्तीसगढ़ में आयोजित राष्ट्रीय तलवारबाजी प्रतियोगिता में उसने ब्रांज मेडल हासिल किया था। लेकिन, राज्य के लिए मेडल जीतने वाले इस खिलाड़ी को सम्मान देने के प्रति सरकार लापरवाही बरत रही है।