- देवघर में महीने भर चलने वाले श्रावणी मेले और कांवड़ यात्रा की संभावना नहीं, कोविड-19 महामारी और प्रतिबंधों के बीच धार्मिक स्थानों पर पूजा पर प्रतिबंध

रांची : देवघर में महीने भर चलने वाले श्रावणी मेले और इससे जुड़ी कांवड़ यात्रा इस साल भी होने की संभावना नहीं है। कोविड-19 महामारी और उससे जुड़े प्रतिबंधों के कारण धार्मिक स्थानों पर सार्वजनिक पूजा प्रतिबंधित है। 25 जुलाई से श्रावण मास की शुरुआत हो रही है लेकिन अभी तक कोई तैयारी नहीं हुई है। विश्व प्रसिद्ध बाबा बैद्यनाथ मंदिर 12 ज्योतिर्लिगों में से एक है। राज्य सरकार ने कोरोना से निपटने के उपायों के तहत पाबंदी लगा रखी है। सभी धार्मिक स्थलों और पूजा स्थलों को खोलने की अनुमति है, लेकिन आगंतुकों को प्रतिबंधित किया गया है।

अतिरिक्त बल तैनात

इधर, झारखंड पुलिस ने बिहार से सटे देवघर की सीमा पर भीड़ से बचने के लिए अतिरिक्त बल तैनात किया है। मेले को लेकर किसी प्रकार की तैयारी नहीं है। गौरतलब है कि सामान्य दिनों में श्रावणी मेला की तैयारी युद्धस्तर पर होती है। इस दौरान चिकित्सकों, इंजीनियरों की प्रतिनियुक्ति की जाती है। इसके अलावा कांवडि़यों के आने-जाने के लिए पथ का निर्माण कराया जाता है।

रथ यात्रा की भी अनुमति नहीं मिली

राज्य सरकार ने कोरोना पर प्रभावी नियंत्रण के उपायों के तहत इस वर्ष रांची में प्रस्तावित रथ यात्रा की भी अनुमति नहीं दी थी। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन इस दौरान भगवान जगन्नाथ मंदिर पहुंचे और पाबंदी का पालन करते हुए बाहर से ही पूजा-अर्चना की। उन्होंने रथ यात्रा की अनुमति नहीं दे पाने के कारण क्षमा भी मांगी थी।