रांची: रांची नगर निगम के जिम्मे शहर का विकास करने के अलावा और भी कई काम हैं। लेकिन छह महीने से रांची नगर निगम परिषद की बैठक ही नहीं हुई है। इस वजह से गली-मोहल्ले के विकास कार्यो पर ब्रेक लग गया है। वहीं पब्लिक को होने वाली परेशानियों पर भी चर्चा नहीं हो पा रही है। इतना ही नहीं, छोटे-मोटे नालों पर स्लैब लगाने के लिए भी पार्षदों को गुहार लगानी पड़ रही है। इसके बावजूद कोई पार्षदों का दर्द सुनने को तैयार नहीं है। ऐसे में सवाल यह उठता है कि जब परिषद की बैठक ही नहीं होगी तो जनता की समस्या का समाधान कैसे होगा?

विशेष बैठक की नहीं सुनी मांग

पार्षदों ने लोगों की समस्याओं को देखते हुए मेयर व नगर निगम के अधिकारियों से स्पेशल बैठक बुलाने की मांग की थी, जिससे कि समस्याओं पर चर्चा करके उसका हल निकाला जा सके। लेकिन पार्षदों की यह मांग भी नहीं सुनी गई। अब पार्षद यही मांग कर रहे हैं कि जब लोकसभा और विधानसभा का सत्र सोशल डिस्टेंसिंग और कोविड से बचाव के नियमों का पालन करते हुए हो सकता है तो निगम की बैठक क्यों नहीं।

नहीं मिल रहा होल्डिंग नंबर

परिषद की बैठक में होल्डिंग का काम करने को लेकर चर्चा की जानी है। लेकिन बैठक नहीं होने के कारण तय नहीं हो पा रहा है कि यह काम निगम की एजेंसी करेगी या सरकार की। इस चक्कर में नया होल्डिंग नंबर जारी करने का काम बंद हो गया है। इस वजह से लोग न तो प्रॉपर्टी खरीद-बिक्री कर पा रहे हैं और न ही ट्रांसफर। वहीं कारोबार करने वालों को होल्डिंग नहीं होने के कारण ट्रेड लाइसेंस जारी नहीं किया जा रहा है। इसका असर लोगों के जीवन पर भी पड़ रहा है।

ये हैं समस्याएं

वार्ड 26 : निर्माण और रिपेयरिंग बंद

पार्षद अरुण झा की मानें तो टैक्स कलेक्शन बंद हो गया है। नया होल्डिंग नंबर नहीं दिया जा रहा है। कारोबार करने वाले हमारे पास चक्कर लगा रहे हैं कि एक होल्डिंग नंबर दिलवा दें। वहीं ड्रेन, रोड के निर्माण और रिपेयरिंग का काम भी बंद हो गया है। अब यह समस्या और बढ़ जाएगी तो काम कराना मुश्किल होगा। कई छोटे-मोटे काम के टेंडर हो चुके हैं लेकिन बैठक नहीं होने के कारण उसका वर्क आर्डर जारी नहीं हो सका। जिन लोगों का पेमेंट ड्यू है वे भी रुक गए हैं।

वार्ड 10 : रोड और नाला का काम अटका

पार्षद अर्जुन यादव का कहना है कि हमारे एरिया में तो रोड-नाला का निर्माण होना था। सात लाख रुपए का टेंडर हो चुका है, जिसमें पीसीसी रोड और नाली बनाया जाना था। एग्रीमेंट नहीं होने के कारण काम अटक गया। एक पार्क भी बनाया जाना था। अब बैठक में ही इस पर चर्चा होने की उम्मीद है। नाली पर स्लैब लगाने के लिए अब बैठक में मुद्दा उठाना पड़ेगा। कोई भी हमारी परेशानी सुनने को तैयार नहीं है।