रांची (ब्यूरो)। सदर हॉस्पिटल में इन दिनों बाइक चोरी के कई मामले सामने आ रहे हैं। हर दो तीन दिन में बाइक चोरी की घटनाएं हो ही जाती हैं। यह मुद्दा इन दिनों सोशल मीडिया पर छाया हुआ है। लोग ट्वीट कर यह जानकारी साझा कर रहे हैं। लेकिन हॉस्पिटल प्रबंधन बेपरवाह बना हुआ है। बाइक चोरी की सूचना मिलने पर दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की टीम सदर हॉस्पिटल में इसका रियलिटी चेक करने पहुंची। जहां हॉस्पिटल कैंपस में ही यहां-वहां टू व्हीलर और फोर व्हीलर पार्किंग की हुई पाई गई। लोग अपनी बाइक लगा कर इलाज कराने अंदर जा रहे थे। लेकिन बाहर उनकी बाइक की देखभाल करने वाला कोई नहीं था। इसी लापरवाही का फायदा बाइक चोर उठा रहे हैं। मास्टर की लेकर हॉस्पिटल कैंपस पहुंचते हैं। एक-एक कर सभी गाड़ी में चाबी लगाकर देखते हैं जो गाड़ी खुल गई उसे लेकर फरार हो जाते हैं। हॉस्पिटल में सुरक्षा व्यवस्था का पालन नहीं किया जा रहा है। सेक्योरिटी गार्ड भी हॉस्पिटल में नजर नहीं आते। इसी हफ्ते दो बाइक चोरी होने का मामला थाने में दर्ज हो चुका है। फिर भी न तो पुलिस और न ही हॉस्पिटल प्रबंधन इसे गंभीरता से ले रहा है।

पार्किग में चुनवा दी दीवार

सदर हॉस्पिटल की भव्य इमारत के बेसमेंट में पार्किंग की सुविधा हो सकती है। लेकिन हैरानी की बात है कि पार्किंग के अंदर जाने वाले रास्ते पर ही दीवार खड़ी कर इसे बंद कर दिया गया है। इस कारण लोग पार्किंग होते हुए भी उसका इस्तेमाल नहीं कर पा रहे हैं। दरअसल हॉस्पिटल मैनेजमेंट का कहना है बेसमेंट में पानी जम जाता है, यही कारण है कि दीवार से छेक दिया गया है। लेकिन सवाल यह है कि यदि बेसमेंट में पानी जमता है तो इस आलीशान बिल्डिंग को इंजीनियर ने किस डिजाइन से तैयार किया है कि यहां का पानी ही नहीं निकल पा रहा।

कर्मियों की भी पार्किंग बाहर

सदर हॉस्पिटल में करीब दो सौ स्टाफ्स काम करते हैं। इनमें से अधिकतर अपनी बाइक या स्कूटी से हॉस्पिटल आते हैं। उनके लिए भी गाड़ी पार्क करने की व्यवस्था नहीं है। स्वास्थ्य कर्मी भी बाहर ही गाड़ी पार्क कर रहे हैं। तो वहीं कई ऐसे भी कर्मचारी हैं जो डर से हॉस्पिटल के अंदर गाड़ी खड़ी करते हैं। यहां इलाज के लिए आने वाले लोगों से लेकर कर्मचारियों को भी गाड़ी चोरी की आंशका बनी रहती है। चान्हो से अपने भतीजे का इलाज कराने पहुंचे श्यामसुंदर नायक बताते हैं कि एक महीने पहले उनका बेटा बाइक से अपनी मां का इलाज कराने आया था, इलाज में तीन से चार घंटे लग गए। इसी बीच उसकी बाइक चोरी हो गई। थाने में मामला दर्ज कराया गया लेकिन इससे भी कोई फायदा नहीं हुआ। वहीं अस्पताल की डायलिसिस यूनिट में काम करने वाले अभिषेक रजक की बाइक भी सदर हॉस्पिटल से चोरी हो चुकी है।

सीसीटीवी फुटेज से भी नहीं धराए चोर

सदर हॉस्पिटल में सीसीटीवी कैमरा इंस्टाल किया गया है। लेकिन इसकी क्वालिटी काफी खराब है। इसके फुटेज से लोगों के चेहरे को पहचान पाना मुश्किल है। इसलिए बाइक चोर की तस्वीर सीसीटीवी में कैद होने के बाद भी पुलिस चोर तक नहीं पहुंच पा रही है। चोरों के पकड़ में नहीं आने से चोरी की घटनाओं पर लगाम नहीं लग रहा है। हालांकि, एक दिन पहले पुलिस ने शक के आधार पर एक युवक को पकड़ा था, जो हॉस्पिटल का ही कर्मचारी है। लेकिन उस कर्मचारी का कहना है गलती से वह अपनी बाइक छोड़ दूसरे की गाड़ी में चाबी लगा दी, जो हूबहू उसकी ही गाड़ी की तरह दिख रही थी। सबसे बड़ी बात उसके द्वारा चाबी लगाने पर गाड़ी खुल गई, जिसके बाद हल्ला हंगामा हुआ और पुलिस कर्मचारी को पकड़ कर अपने साथ ले गई।

सदर अस्पताल में अब भी कंस्ट्रक्शन का काम चल रहा है। फिर भी आम पब्लिक और स्टाफ की गाड़ी पार्किंग के लिए स्थान चिन्हित है। चोरों पर नजर रखने के लिए सेक्यूरिटी गार्ड है। लोकल पुलिस भी राउंड मारती है।

- डॉ एस मंडल, सुपरिंटेंडेंट, सदर