रांची: राजधानी में कोरोना वैक्सीनेशन की शुरुआत क्या हुई कि सेनेटाइजेशन का काम ही लगभग बंद हो गया है। इसका सबसे बड़ा उदाहरण रांची नगर निगम की ओर से चलने वाले सिटी बसों में देखने को मिला। जहां बसों के सेनेटाइजेशन की बात तो दूर कोविड-19 के किसी नॉ‌र्म्स का भी पालन नहीं हो रहा है। सिटी बसों में सोशल डिस्टेंसिंग तार-तार हो रही है। वहीं, सभी नियमों को बस ड्राइवर ने डिक्की में डाल रखा है। कचहरी से राजेंद्र चौक तक सिटी बसें चल रही हैं। फेयर कम होने की वजह से लोग भी सिटी बस में यात्रा करना पसंद करते हैं। यात्रियों का कहना है कि सुरक्षा का ख्याल रखना नगर निगम, बस ड्राइवर और कंडक्टर की जिम्मेवारी है। लेकिन ड्राइवर और कंडक्टर सिर्फ और सिर्फ ज्यादा से ज्यादा यात्री बिठाना जानते हैं, ताकि अधिक से अधिक कमाई हो सके।

बिना सेनेटाइजेशन दौड़ रही बस

रविवार को डीजे आईनेक्स्ट के रिपोर्टर ने बस स्टॉप पर एक घंटे खडे़ होकर सिटी बसों में कोविड गाइडलाइंस के पालन का रियलिटी चेक किया। जिसमें एक घंटे में तीन बसें आईं और तीनों में किसी ने भी सेनेटाइजेशन नहीं कराया। लेकिन यात्रियों को बिठा कर आगे बढ़ गई। राजेंद्र चौक से लगभग 50 यात्रियों को बिठा कर मेन रोड लाया गया। जबकि बस की सीट कैपासिटी है 30 पैसेंजर की है। मेन रोड में कुछ यात्रियों को उतार कर बस कचहरी की ओर बढ़ गई। कचहरी से वापस घूम कर फिरायालाल में बस खड़ी हो गई। जहां फिर से यात्रियों को बिठाने का सिलसिला शुरू हो गया। इस दौरान एक बार भी बस को सेनेटाइज नहीं किया गया। न तो थर्मल स्कैनर से पैसेंजर्स का बॉडी टेम्प्रेचर मापा गया और नहीं मास्क की जांच की गई। जबकि यात्रियों में अधिकतर ने मास्क नहीं पहना था।

निगम ही नहीं दे रहा सेनेटाइजर

बस सेनेटाइजेशन नहीं करने का कारण पूछने पर बस ड्राइवर ने बताया कि निगम की ही ओर से मैटेरियल उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है। न ही बस को सेनेटाइज करने की व्यवस्था की गई है। थर्मल स्कैनर भी नहीं दिया गया है। बस ड्राइवर ने बताया कि बस स्टाप पर गाड़ी खड़ी होते ही लोग बस पर सवार होने लगते हैं। इस कारण हड़बड़ी में मास्क की जांच नहीं हो पाती। हालांकि सीट पर बैठने के बाद सभी को मास्क लगाने के लिए बोला जाता है। कुछ लोग मानते हैं, कुछ बहस करने लगते हैं।