RANCHI: कोरोना काल में नेचुरल थेरेपी की ओर यंग जेनरेशन का रुझान बढ़ा है। खुद को फिट रखने और अपनी इम्युनिटी बूस्ट करने में सहायक योग को लेकर युवाओं में कितना क्रेज है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि रांची यूनिवर्सिटी में योगिक साइंस के सभी कोर्सेज में सीटें फुल होने के करीब हैं। वहीं यूनिवर्सिटी के 24 अन्य वोकेशनल कोर्सेज में स्टूडेंट्स का टोटा है।

हर साल बढ़े स्टूडेंट्स

रांची यूनिवर्सिटी के डिपार्टमेंट ऑफ योगिक साइंस में लगातार स्टूडेंट्स बढ़ रहे हैं। इसका प्रमुख कारण यह भी है कि योग की पढ़ाई पूरी करने के बाद मौजूदा दौर में इस फील्ड में रोजगार की अच्छी संभावना है। इसे देखते हुए आरयू में स्टूडेंट्स अन्य कोर्सेज के बदले योग को ज्यादा पसंद कर रहे हैं। बीएससी इन योगिक साइंस (2020-23) में अभी 28 स्टूडेंट्स पढ़ रहे हैं। वहीं मास्टर इन योगिक साइंस (2019-21) में 67 स्टूडेंट्स पढ़ रहे हैं।

शॉर्ट टर्म कोर्स के प्रति रुझान

स्टूडेंट्स का रुझान शॉर्ट टर्म कोर्स के प्रति भी है। एक वर्षीय पीजी डिप्लोमा इन योगिक साइंस में इस वक्त 65 स्टूडेंट्स हैं। वहीं दो वर्षीय मास्टर इन योगिक साइंस में 65 स्टूडेंट्स एडमिशन ले चुके हैं। पीजी योग विभाग के कोर्स कोऑर्डिनेटर डॉ आनंद ठाकुर बताते हैं कि कोरोना काल में योगिक साइंस के प्रति स्टूडेंट्स का रुझान बढ़ा है। यह एक अच्छा संकेत है।

कई विभागों में स्टूडेंट्स ही नहीं

रांची यूनिवर्सिटी में 24 वोकेशनल कोर्सेज चलते हैं। दो साल पहले तक इनमें स्टूडेंट्स की कोई कमी नहीं होती थी। लेकिन, पिछले साल से ही किसी कोर्स में एडमिशन के बाद सीटें फुल नहीं हो रही हैं। एमएससी इन इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन (एमएससी वोकेशनल) डिपार्टमेंट का हाल सबसे बुरा है। यहां एक भी स्टूडेंट का एडमिशन नहीं हुआ है। 30 सीटों में पिछले सेशन में केवल 15 स्टूडेंट्स ही एडमिशन ले पाए थे। इस बार इतने भी नहीं मिले। वहीं पब्लिक एडमिंस्ट्रेशन जैसे कोर्स में जहां पहले एडमिशन मिलना मुश्किल होता था, वहीं अभी 100 में से 76 सीटें खाली पड़ी हैं।

लगातार हो रही हैं क्लासेज

आरयू के योग को-ऑर्डिनेटर ने बताया कि योगिक साइंस के सभी कोर्सेज में नियमित रूप से ऑनलाइन क्लासेज चल रही हैं। कोरोना गाइडलाइंस को फॉलो करते हुए प्रैक्टिल भी चल रहे हैं। भले ही कैंपस में स्टूडेंट्स नहीं हैं, लेकिन ऑनलाइन क्लासेज एक दिन भी बंद नहीं हुए। इससे स्टूडेंट्स में रूचि बरकरार है। साथ ही आने वाले दिनों में इस कोर्स के बाद संभावित रोजगार को लेकर भी आकर्षण है।

क्यों बढ़ा योग के प्रति क्रेज

1. भाग-दौड़ वाली जिंदगी में तनाव कम करने में पूरी तरह से सहायक।

2. इंद्रियों को जगाने और शरीर को जीवन की नई ऊर्जा देने की क्षमता।

3. हर मौसम में सांस से संबंधित रोगों को दूर करने में बेहद कारगर।

4. दुनिया भर में योग के इंस्ट्रक्टर्स की डिमांड लगातार बढ़ रही है।

5. शरीर को चुस्त और दुरुस्त रखने के लिए योग है बेहद जरूरी।

रांची यूनिवर्सिटी में योग की पढ़ाई पूरी तन्मयता के साथ कराई जाती है। इसके साथ ही यहां के स्टूडेंट्स इतने दक्ष हो जाते हैं कि उन्हें रोजगार के लिए कभी सोचना नहीं पड़ेगा। यही वजह है कि आरयू में योगिक साइंस की सीटें फुल हो रही हैं।

-डॉ आनंद ठाकुर, कोर्स को-ऑर्डिनेटर, योगिक साइंस, आरयू