रांची (ब्यूरो)। करीब 11 करोड़ रुपए की लागत से तैयार शहर के पहले मॉडल सब्जी मार्केट (नागा बाबा खटाल) में 144 दुकानदारों को लॉटरी के माध्यम से दुकानें तो मिल गई हैैं, लेकिन इस मार्केट में 11 दुकानें भी नहीं लग रही हैैं। मॉडल मार्केट के बाहर सैकड़ों दुकानदार अपनी दुकान लगा रहे हैैं, जहां ग्राहकों की भीड़ उमड़ रही है, लेकिन मार्केट के भीतर कोई नहीं जा रहा है। आलम यह है कि जिन दुकानदारों ने आवंटन के बाद अपनी दुकानें मार्केट के भीतर लगाईं, उनकी कई दिनों तक बोहनी भी नहीं हुई। तंग आकर ऐसे दुकानदारों ने अब दोबारा बाहर खुले में ही दुकान लगानी शुरू कर दी है। ऐसा आवंटन को लेकर खड़े हुए विवाद के कारण हो रहा है। जिन लोगों को मॉडल मार्केट में दुकानें नहीं मिली हैैं, वे बाहर दुकान लगा रहे हैैं। इससे मार्केट बनने का कोई फायदा नहीं मिल रहा है।
इस वजह से निराश हैैं दुकानदार
15 दिन हो गए 144 विक्रेताओं को लॉटरी के जरिए दुकान आवंटित हुए पर उन्होंने जैसा सोचा था, वैसा नहीं हो पाया। 15 दिन बहुत मुश्किल से कटे। हुआ यूं कि सब्जीवालों ने वहां दुकान तो लगा ली पर उन्हें एक भी ग्राहक नसीब नहीं हुए। बोहनी भी मुश्किल से हो रही थी। आलम यह था कि उन्हें हर दिन सब्जियां फेंक देनी पड़ रही थीं। जिस उल्लास से उन्होंने 15 दिन पहले मार्केट में प्रवेश किया था, वे आज उदास पड़े हैं। दुकानदारों का कहना है की सब्जी मार्केट में फिलहाल न तो शौचालय की व्यवस्था है और न ही बिजली है। पानी तक की व्यवस्था नहीं है। ग्राहक बाहर सजे बाजार में खरीदारों की भीड़ उमड़ रही है, इस वजह से मार्केट के भीतर दुकान लगाने वालों को 10 रुपए की बोहनी भी नसीब नहीं हो रही थी।
खुले में लग रही दुकानें
नागा बाबा खटाल में अभी भी खुले में सब्जी की बिक्री हो रही है, इसलिए ग्राहक सब्जी मार्केट तक नहीं पहुंच पा रहे। ग्राहकों का कहना है की जब बाहर ही सब्जी मिल जा रही है, तो वे भला मार्केट के भीतर क्यों जाएं? असल में 144 लोगों को जगह तो मिल गई है पर बाकियों को जगह नहीं मिलने के कारण वे आज भी खुले में सब्जी बेच रहे हैैं। ऐसे में 144 दुकानदारों में से सिर्फ 10 दुकानदारों को ही कॉम्प्लेक्स मार्केट में सब्जी लगाते देखा गया। पिछले 15 दिनों में ग्राहकों का मार्केट नहीं आने के कारण दुकानदारों ने अपनी सब्जी फिर से खुले में ही लगानी शुरू कर दी।

काम अभी प्रक्रिया में है और जल्द से जल्द जो पहले से सब्जी मंडी पर बैठ रहे हैैं, उन्हें ही जगह देने का काम चल रहा है। हमने 2016 सर्वे को माना है और प्रेजेंट में भी सर्वे कराया है। अनावश्यक लोग भी इसमें घुसना चाह रहे हैं, इसलिए असली दुकानदारों को चिन्हित करने का कार्य चालू है। 300 लोग ही हैं, जिन्हे जगह मिलनी है। जल्द ही दूसरी लॉटरी होने वाली है, जिसमे सभी लोगों को जगह मिल जाएगी।
संजीव विजयवर्गीय, डिप्टी मेयर


क्या कहते हैं दुकानदार
मैं वर्ष 2011 से यहां दुकान लगा रहा हूं पर 2016 सर्वे की लिस्ट में मेरा नाम नहीं है। मेरे साथ नाइंसाफी हो रही है। कुछ लोगों का कहना है की लॉटरी का चुटका भी बिक जा रहा है।
मुर्शीद आलम

निगम अभी कुछ भी कन्फर्म नहीं कर पा रहा है। हम सब फिलहाल सस्पेंस में हैं कि आगे क्या होने वाला है। पेंडिंग लॉटरी की तारीख 7 फरवरी को राखी गई है, जिसका इंतजार कर रहे हैं।
मोहम्मद शौकत राईन

मुझे दुकान भी मिल गई पर मैं वहां सब्जी नहीं लगाना चाहती, क्योंकि पिछले 15 दिनों से मेरा बहुत नुकसान हो गया। जब तक सभी को वहां जगह नहीं मिल जाती, वहां दुकान लगाना व्यर्थ है।
नंद किशोर शाह