RANCHI : ब्लड का कोई दूसरा विकल्प नहीं है और न ही इसे तैयार किया जा सकता है। वहीं ब्लड टाइम पर न मिले तो मौत भी हो जाती है। लेकिन रिम्स में ब्लड डोनेट कर दूसरों की जान बचाने वालों को ही सप्लीमेंट नहीं मिल पा रहा है। डोनर्स को खुद ही सप्लीमेंट की व्यवस्था करनी पड़ रही है। जबकि कुछ महीने पहले तक डोनर्स को प्रबंधन की ओर से ग्लूकॉन डी और बिस्किट उपलब्ध कराया जाता था। लेकिन अब तो इसे भी पूरी तरह से बंद कर दिया गया है। इससे डोनर्स की परेशानी बढ़ गई है।

नहीं मिला सप्लीमेंट, डोनर बेहोश

एक अक्टूबर को वॉलेंट्री ब्लड डोनर्स डे के मौके पर डोनेशन कैंप लगाया गया था। इसमें एक्सआईएसएस के स्टूडेंट्स डोनेशन के लिए रिम्स पहुंचे थे। इस दौरान किसी को सप्लीमेंट नहीं दिया जा रहा था। ऐसे में एक डोनर को वीकनेस फील होने लगी। बाद में लोगों ने उसके लिए जूस की व्यवस्था की तो उसने राहत की सांस ली। वहीं अन्य डोनर्स के लिए भी तत्काल सप्लीमेंट की व्यवस्था की गई।

पहले डोनर्स को मिलता था जूस

रिम्स ब्लड बैंक में पहले डोनर्स को ब्लड डोनेट करने के बाद जूस दिया जाता था। इससे डोनेट करने वालों को तत्काल एनर्जी मिलती थी। लेकिन दो साल पहले इस सिस्टम को बंद कर दिया गया। यह क्यों बंद किया गया इसके बारे में कोई भी अधिकारी बोलने को तैयार नहीं है। वहीं रिम्स की ओर से दिया जाने वाला ग्लूकॉन डी और बिस्किट भी डोनर्स को नहीं मिल रहा है।

वर्जन

डोनर्स को सप्लीमेंट नहीं मिल रहा है। यह जानकारी हमें है। ब्लड बैंक के फंड में पैसे पड़े हैं। लेकिन हमारे पास खर्च करने की अथॉरिटी नहीं है। इसलिए जबतक हमें आदेश नहीं मिलता कुछ भी कर पाना मुश्किल है।

डॉ। एके श्रीवास्तव, प्रभारी, ब्लड बैंक