RANCHI : बिरसा जू, ओरमांझी में 'प्रियंका' को दो दिनों से मांस खाने को नहीं मिल रहा है। यहां शेर बाघ, चीता और तेंदुए भी 'भूखे' रहने को मजबूर हैं। इन जानवरों को खाने में मांस नसीब नहीं हो रहा है। दरअसल, अवैध बूचड़खानों को बंद करने के सरकारी फरमान के बाद यहां एक भी ऐसी लाइसेंसी मांस दुकान नहीं है, जो जू की जरूरतों के हिसाब से इसकी सप्लाई कर सके। इस वजह से यहां के मांसाहारी जानवरों के भूखे रहने की नौबत आ गई है।

बोलने से कतरा रहा जू प्रशासन

जू के मांसाहारी जानवरों के भोजन की थाली में उनका खाना कैसे पहुंचे, इसका अब किसी के पास सीधा जवाब नहीं है। जू के जानवरों को अभी खाने को मांस नहीं दिया जा रहा है। इस बारे मे जू प्रशासन भी कुछ बी भी बताने से कतरा रहा है। जब यहां के डायरेक्टर से इस बाबत बात करने की कोशिश की गई तो उन्होंने नो कमेंट कहकर पल्ला झाड़ लिया।

हर दिन चाहिए सौ केजी मीट

बिरसा जू में एक हजार से अधिक जानवरों का बसेरा है। इनमें क़रीब तीन दर्जन मांसाहारी जानवर हैं। इनमें इनमें शेरनी प्रियंका समेत कुल चार शेर, तीन बाघ, 6 लेपर्ड और 1 लोमड़ी के अलावा 20 दूसरे मांसाहारी जानवर हैं। इनके भोजन के लिए रोज़ करीब लगभग सौ केजी मीट की जरूरत है, लेकिन बूचड़खानों के बंद होने के बाद जरूरत के हिसाब से मीट की आपूर्ति नहीं हो रही है।

सोमवार को 'उपवास' पर रहते हैं जानवर

जू के मांसाहारी जानवर सोमवार को 'उपवास' पर रहते हैं। इन जानवरों को को इस दिन खाने के लिए कुछ भी नहीं दिया जाता है। जू प्रशासन के मुताबिक, सप्ताह के छह दिन मांसाहारी जानवरों को मीट खाने में दिया जाता है। ऐसे में हेल्थ के लिहाज से ही इन जानवरों को सोमवार को भोजन से दूर रखा जाता है।