रांची: शहर में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम आधे से भी कम घरों में लगा है। आलम यह है कि बरसात का पानी यूं ही नालियों में बह रहा है। गर्मी आते ही शहर में पानी के लिए हाहाकार मच जाता है। साथ ही ग्राउंड वाटर लेवल भी काफी नीचे चला जाता है। असल में नगर निगम के पास ऐसी कोई ठोस योजना ही नहीं है, जिससे शहर के लोग घरों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग का निर्माण कराने के लिए विवश हो जाएं। सख्ती के नाम पर केवल जुर्माना भरने का प्रावधान है।

काफी पीछे है शहर

रांची रेन वाटर हार्वे¨स्टग के मामले में काफी पीछे है। यहां की तकरीबन 55 फीसद इमारतों में अभी रेन वाटर हार्वे¨स्टग सिस्टम नहीं लगे हैं। पिछड़ने की वजह नगर निगम है। नगर निगम बिना रेन वाटर हार्वे¨स्टग वाली इमारतों से जुर्माने की वसूली कर रहा है। मगर, ऐसा कुछ नहीं हो रहा जिससे लोग अपने घरों में रेन वाटर हार्वे¨स्टग सिस्टम कायम करें। रेन वाटर हार्वे¨स्टग सिस्टम नहीं होने से शहर के लोग जितना पानी पाताल से खींच रहे हैं, उतना भूगर्भ में रिचार्ज नहीं कर रहे हैं। इस वजह से रांची का भूगर्भ जलस्तर दिन ब दिन गिरता जा रहा है। गर्मी के समय तो स्थिति और खराब हो जाती है।

सख्ती नहीं बरत रहा निगम

नगर निगम इसके लिए सख्ती नहीं बरत रहा है। अपनी इमारतों में रेन वाटर हार्वे¨स्टग नहीं बनाने वालों से नगर निगम बस डेढ़ गुना अधिक हो¨ल्डग टैक्स की ही वसूली करता है। लोग डेढ़ गुना अधिक हो¨ल्डग टैक्स भरने के बाद घर बैठ जा रहे हैं। निगम ने 1000 वर्ग फीट से अधिक क्षेत्रफल वाली इमारतों को रेन वाटर हार्वे¨स्टग सिस्टम लगाने की बाध्यता की श्रेणी में लाने का प्रस्ताव सरकार को भेजा है, लेकिन अब तक ऐसी कोई योजना तैयार नहीं की है जिससे सभी इमारतों में रेनवाटर हार्वे¨स्टग लगाया जा सके। नगर निगम को पैसा मिल रहा है तो वो इस बात की जांच नहीं करा रहा है कि 3000 वर्ग फीट से अधिक क्षेत्रफल वाली कितनी इमारतों में वाटर हार्वे¨स्टग सिस्टम बना है और कितने में नहीं बना है।

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किस इलाके में कितना है जलस्तर

बरियातू 400 फीट

कांके 700 फीट

हरमू 400 फीट

धुर्वा 800 फीट

तुपुदाना 700 फीट

रातू 500 फीट

अधिकतर सरकारी भवनों में भी नहीं बने हैं रेन वाटर हार्वे¨स्टग

राजधानी के अधिकतर सरकारी भवनों भी रेन वाटर हार्वे¨स्टग अब तक नहीं बनाए गए हैं। समाहरणालय, रिम्स आदि सरकारी भवनों समेत कुछ में ही रेन वाटर हार्वे¨स्टग सिस्टम लगाया गया हे। बाकी में नहीं है। इन भवनों में इसे बनवाने की जिम्मेदारी भवन निर्माण विभाग की है। मुख्य सचिव ने कई बार भवन निर्माण विभाग को आदेश जारी कर सभी सरकारी भवनों में रेन वाटर हार्वे¨स्टग की व्यवस्था करने को कहा, मगर विभाग हाथ पर हाथ धरे बैठा है।