RANCHI: सदर हॉस्पिटल में इलाज के लिए आने वालों को अक्सर ब्लड की जरूरत पड़ती है। जिन्हें ब्लड तो आसानी से मिल जाता है। लेकिन ब्लड कंपोनेंट्स के लिए उन्हें रिम्स की दौड़ लगानी पड़ती है। लेकिन अब मरीजों को ब्लड प्रोसेसिंग के बाद सदर ब्लड बैंक से ही उपलब्ध कराया जाएगा। वहीं ब्लड कंपोनेंट्स के लिए रिम्स पर निर्भरता भी खत्म हो जाएगी। जिससे कि मरीजों की परेशानी कम हो जाएगी। वहीं समय पर उन्हें ब्लड और कंपोनेंट्स भी उपलब्ध हो जाएंगे। इतना ही नहीं, ग्रुप मैच कराने के लिए भी बार-बार रिम्स नहीं भेजना होगा।

बिना रिप्लेसमेंट कंपोनेंट

मरीजों को इलाज के दौरान पैक सेल्स और प्लेटलेट्स की भी जरूरत पड़ती है। इसके लिए परिजनों को रिम्स भेजा जाता है। जहां कंपोनेंट्स के लिए भी डोनर की मांग की जाती है। इस वजह से मरीजों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है, लेकिन सदर के ब्लड बैंक से मरीजों को पैक सेल्स और प्लेटलेट्स बिना रिप्लेसमेंट के ही दिए जाने की तैयारी है। इससे मरीजों को डोनर का इंतजार नहीं करना होगा।

डेली 15-20 मरीजों को ब्लड

अभी 250 बेड के हॉस्पिटल का संचालन हो रहा है, जिसमें से ज्यादा मरीज मैटरनिटी वार्ड के ही होते हैं। वहीं डिलीवरी के लिए दो दर्जन मरीज आते हैं। इसके अलावा थैलेसीमिया के मरीज भी 4-5 की संख्या में पहुंच रहे हैं। ऐसे में 15-20 मरीजों को हर दिन ब्लड की जरूरत पड़ती है। लेकिन 500 बेड के सुपरस्पेशियलिटी हॉस्पिटल चालू होने के बाद ब्लड की डिमांड बढ़ जाएगी। इसी को देखते हुए प्रबंधन ने मशीन लगाने की योजना बनाई।

60 लाख की है मशीन

ब्लड बैंक में लगाई जा रही मशीन 60 लाख रुपए की है, जिसमें ब्लड मैच करने के अलावा प्रॉसेसिंग और कंपोनेंट निकालने की भी फैसिलिटी होगी। इससे एक यूनिट ब्लड से तीन लोगों की जान बचाई जा सकेगी। वहीं, एक जगह सारी सुविधाएं उपलब्ध होने से मरीजों को दौड़ नहीं लगानी होगी। इसके अलावा उनकी जेब पर भी बोझ नहीं बढ़ेगा।

कम्पोनेंट मशीन लगाने की योजना पहले से थी। अब मशीन की डिलीवरी अगले हफ्ते हो जाएगी। इसके बाद इंस्टॉलेशन में जितना समय लगे। फिर ट्रायल कर मशीन चालू कर दी जाएगी। इसके बाद मरीजों को राहत मिलने लगेगी।

-डॉ एस मंडल, डीएस, सदर