रांची: कोरोना के कारण पहले से ही हेल्थ डिपार्टमेंट की नींद उड़ी हुई है। डोर टू डोर स्क्रीनिंग में हेल्थ डिपार्टमेंट की पूरी टीम लगी हुई है। अब हेल्थ डिपार्टमेंट रांची नगर निगम के साथ मिलकर नई लड़ाई के लिए भी तैयार है। मानसून की दस्तक के साथ ही डेंगू-मलेरिया की चिंता सताने लगी है। इससे निपटने के लिए हेल्थ डिपार्टमेंट ने अभी से ही योजना बना ली है। इसके तहत टीम सबसे पहले डोर टू डोर सर्विलांस के लिए जाएगी। इसके बाद घरों में मच्छरों के लार्वा को ढूंढा जाएगा। वहीं, लार्वा को नष्ट भी किया जाएगा। बताते चलें कि पिछले दो सालों में राजधानी में डेंगू-चिकनगुनिया और मलेरिया ने कहर बरपाया था। इसको लेकर डिपार्टमेंट पहले से ही तैयारी कर रहा है ताकि इस बीमारी को फैलने से रोका जा सके।
कोरोना व डेंगू के लक्षण समान
कोरोना और डेंगू के लक्षण काफी मिलते-जुलते हैं। ऐसे में अगर कोई मरीज बुखार के साथ आता है तो उसकी पहचान कर पाना कि व कोरोना का मरीज है या डेंगू का, काफी परेशानी होगी। यह देखते हुए ही हेल्थ डिपार्टमेंट ने अपनी ओर से पूरी तैयारी कर रखी है, ताकि किसी भी हाल में मच्छरों का आतंक शहर में न फैले। इससे पहले ही उनके लार्वा को नष्ट कर दिया जाएगा।
क्या है निपटने की तैयारी
-गठित टीम घर के अंदर जाकर प्रजनन स्थल की जांच कर नष्ट करेगी।
-जहां-तहां पड़े प्लास्टिक के डिब्बे, प्लास्टिक में जमा पानी, टायर, नारियल के खोपड़े को नष्ट किया जाएगा।
-घर के अंदर कूलर, गुलदस्ता, पानी की टंकी के ऊपर जमे पानी को सुखाया जाएगा।
-नाले और गढ्डों में जहां पानी जमा हो, लार्वीसाइडल का छिड़काव
-डेंगू-चिकनगुनिया से बचाव के लिए कैंपेन चलाकर लोगों को किया जाएगा जागरूक।
-घर-घर जाकर बांटे जाएंगे हैंड बिल
रखें ख्याल, यहां पनपते हैं लार्वा
साफ पानी के बर्तन
कूलर
टूटे बर्तन
पानी की टंकी
घर के बाहर रखा टायर
खुली हुई पानी की टंकी
प्लास्टिक के खुले बोतल
छत-जमीन पर जल जमाव
गमले में जमा पानी
यहां होंगे फ्री डेंगू-चिकनगुनिया टेस्ट
-रिम्स, रांची
-एमजीएम, जमशेदपुर
-पीएमसीएच, धनबाद
-सदर हॉस्पिटल, रांची
-डीपीएचएल, चाईबासा
-डीपीएचएल, साहेबगंज
अभी कोरोना से लड़ाई जारी है। इसी बीच हमें अब डेंगू-चिकनगुनिया से भी लड़ना है। मानसून आने को है तो टीम तैयार की जा रही है, जिससे कि हमलोग जल्द ही डोर टू डोर सर्विलांस शुरू कर लार्वा नष्ट कर सकें। साथ ही लोगों से भी अपील है कि किसी भी हाल में घर व आसपास में पानी जमा न होने दें, जिससे कि मच्छरों का लार्वा उसमें पनप सके।
-साज्ञा सिंह, स्टेट इंटेमोलॉजिस्ट आफिसर