रांची : राज्य में कोरोना मरीजों को होम आइसोलेशन में रहने की अनुमति नहीं मिलेगी। मरीजों को उनके स्वास्थ्य की स्थिति के आधार पर कोविड केयर सेंटरों या अन्य कोविड अस्पतालों में भर्ती कराया जाएगा। जो मरीज पहले से होम आइसोलेशन में हैं उन्हें भी ऐसे अस्पतालों में लाया जाएगा। स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अरुण कुमार सिंह ने इसे लेकर सभी उपायुक्तों को आदेश जारी किया है। उपायुक्तों को जारी आदेश में कहा गया है कि सभी मरीजों से अनिवार्य रूप से उनके संपर्क में आनेवाले लोगों की जानकारी ली जाए तथा संपर्क में आनेवाले सभी लोगों की 24 घंटे के भीतर जांच की जाए।

केस के आधार पर डिसीजन

आदेश में यह भी कहा गया है कि उपायुक्त अपने विवेक से केस टू केस आधार पर किसी व्यक्ति को होम आइसोलेशन में रहने की अनुमति दे सकते हैं। यह अनुमति तभी दी जाएगी जब उपायुक्त पूरी तरह संतुष्ट हो जाएंगे कि उसके होम आइसोलेशन में रहने से लोक स्वास्थ्य को कोई नुकसान नहीं पहुंचेगा तथा संक्रमण नहीं बढ़ेगा।

खत्म हो रही दूसरी लहर

अपर मुख्य सचिव ने उपायुक्तों को जारी आदेश में कहा है कि वर्तमान में राज्य में कोरोना की दूसरी लहर खत्म होने के कगार पर है। प्रतिदिन मिलनेवाले नए मरीजों की संख्या भी अब घटकर 300 के आसपास आ गई है। अब समय है कि संक्रमण को दोबारा बढ़ने से रोका जाए तथा उसे पूरी तरह खत्म किया जाए। उन्होंने दूसरे कई राज्यों में पाजिटिविटी रेट अधिक होने की भी जानकारी देते हुए कहा है कि वहां से झारखंड आनेवाले लोगों से संक्रमण बढ़ सकता है। अपर मुख्य सचिव ने सभी उपायुक्तों को कोरोना मरीजों को अस्पतालों में बेहतर इलाज सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। यह भी कहा है कि होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों को अस्पताल लाने के क्रम में लॉक डाउन के नियमों का सख्ती से पालन किया जाए।

वैक्सीनेशन के लिए ट्रांसपोर्ट की भी व्यवस्था

कोरोना टीकाकरण को बढ़ावा देने के लिए वैसे लोगों के लिए ट्रांसपोर्ट की भी व्यवस्था की जाएगी, जो काफी सुदूर क्षेत्रों में रहते हैं। जहां बहुत कम आबादी होने के कारण शिविर लगाना संभव नहीं है, वहां के लोगों को टीका केंद्रों तक लाने के लिए यह सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। राष्ट्रीय स्वास्थ्य अभियान, झारखंड के राज्य नोडल पदाधिकारी (आइईसी) सिद्धार्थ त्रिपाठी ने कहा कि केंद्र की अनुशंसा पर इस संबंध में सभी सिविल सर्जनों को निर्देश दे दिए गए हैं। उनके अनुसार, टीकाकरण की गति बढ़ाने के लिए पहले ही आनसाइट रजिस्ट्रेशन, प्रज्ञा केंद्रों में रजिस्ट्रेशन, मोबाइल वैन आदि की सुविधाएं प्रदान की गई हैं। इधर, दूसरी डोज के टीकाकरण में हेल्थ केयर वर्कर्स तथा फ्रंटलाइन वर्कर्स को प्राथमिकता देने के निर्देश दिए गए हैं।