रांची(ब्यूरो)। रांची में ट्रांसफार्मर खराब होने की शिकायत दूर होने वाली है। झारखंड बिजली वितरण निगम निमिटेड द्वारा ईटकी व खूंटी में अत्याधुनिक टीआरडब्ल्यू (ट्रांसफार्मर रिपेङ्क्षरग वर्कशाप) का निर्माण किया जा रहा है। इसमें एक साथ लगभग 15 ट्रांसफार्मर की मरम्मत का काम पूरा किया जा सकेगा। दोनों टीआरडल्बू का निर्माण 31 दिसंबर तक करने का लक्ष्य है। फिलहाल रांची जोन के अंतर्गत एक मात्र टीआरडब्ल्यू चुटिया के पावर हाउस में मौजूद है। इसकी स्थिति काफी दयनीय हो गई है। इस अत्याधुनिक टीआरडब्ल्यू में 6 घंटे में अंदर एक ट्रांसफार्मर रिपेयर किया जाएगा।
इन इलाकों को फायदा
वहीं, नए टीआरडब्ल्यू के निर्माण से खूंटी जिला और ईटकी के टीआरडब्ल्यू के निर्माण से मांडर, चान्हों, लापुंग, बेड़ो, रातू समेत बड़ी आबादी को लाभ पहुंचेगा। इससे सबसे अधिक फायदा ग्रामीण क्षेत्रों को मिलेगा। वहीं दोनों टीआरडब्ल्यू भवन का निर्माण लगभग 4 करोड़ रुपये की लागत से किया जा रहा है। वहीं रांची जोन के 60 हजार से अधिक ट्रांसफार्मर है। जिसमें रोजाना 15 से 20 ट्रांसफार्मर खराब होते है। बारिश और गर्मी के मौसम में ट्रांसफार्मर खराब होने की संख्या दसगुना अधिक बढ़ जाती है।
चुटिया का टीआरडब्ल्यू जर्जर
राजधानी के बीचों-बीच चुटिया के पावर हाउस में 1988 ईसवी में निर्माणधीन टीआरडल्बू जर्जर स्थिति में है। टीआरडब्ल्यू के अंदर कंबाड़ जम चुकी है। दीवारों में दरार पड़ चुकी है। दीवारों से बाहर ट्रांसफार्मर आयल लीकेज कर रहा है। जिसके कारण टीआरडब्ल्यू के पीछे मौजूद छठ तालाब जहरीला हो चुका है।
अत्याधुनिक टीआरडब्ल्यू में होगा खास
ईटकी व खूंटी में बन रहे अत्याधुनिक टीआरडब्ल्यू में ट्रांसफार्मर वर्कशाप, हिट चैंबर, क्वाईल वाइङ्क्षडग मशीन, फिल्ट्रेशन मशीन, आयल क्लिङ्क्षनग मशीन, ट्रांसफार्मर टेङ्क्षस्टग मशीन, ट्रांसफार्मर रिक्लेङ्क्षनग मशीन, आयल टेङ्क्षस्टग मशीन होगा। यह सारे मशीन आधुनिक तकनीक के होंगे। इससे कम समय में ही अधिक काम पूरा कर लिया जाएगा।
एक टीआरडब्ल्यू के भरोसे 50 लाख आबादी
रांची एरिया सर्कल के अंतर्गत के रांची जिला समेत खूंटी, सिमडेगा, लोहरदगा, गुमला जिला शामिल है। इन पांच जिला में 50 लाख से अधिक आबादी रहती है। 50 लाख आबादी के लिए एकमात्र टीआरडब्ल्यू मौजूद है। जहां, खराब पड़े ट्रांसफार्मर रिपेयर होता है। एक मात्र टीआरडब्ल्यू होने के कारण ट्रांसफार्मर रिपेयङ्क्षरग में काफी परेशानी होती है। पुराने टीआरडब्ल्यू में प्रत्येक दिन 5-6 ट्रांसफार्मर रिपेयर करने की क्षमता है, जबकि रोजाना रांची जोन से 10-12 ट्रांसफार्मर खराब होकर मरम्मत के लिए आता है। नए टीआरडल्बू के निर्माण से 50 लाख की आबादी को इसका सीधा लाभ मिलेगा।

नए टीआरडब्ल्यू के निर्माण से ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को काफी फायदा मिलेगा। खूंटी, सिमडेगा, लोरहदगा, गुमला में ट्रांसफार्मर खराब होने पर लोग सैकड़ों किलोमीटर तय कर चुटिया पावर हाउस टीआरडब्ल्यू ट्रांसफार्मर मरम्मत के लिए पहुंचते है। यह काफी परेशानी का विषय है।
-उदय शंकर केसरी, टीआरडब्ल्यू प्रभारी

खूंटी और ईटकी के बाद तुपुदाना में भी एक नया टीआरडब्ल्यू का निर्माण किया जाएगा। टीआरडब्ल्यू का निर्माण जरूरत के अनुसार बहुत पहले ही किया जाना चाहिए था। रांची जोन के अंतर्गत 60 हजार से अधिक बिजली ट्रांसफार्मर है। गर्मी और बरसात में रोजाना 15 से 20 ट्रांसफार्मर खराब होते है।
-पीके श्रीवास्तव, जीएम, रांची एरिया बोर्ड, जेबीवीएलएल