- बहुत ही कड़ा कानून बन रहा है लिंचिंग के खिलाफ

- भीड़तंत्र के खात्मे को कानून का मसौदा तैयार करने का आदेश

- लगातार हो रही मॉब लिंचिंग की घटनाओं को लेकर सरकार गंभीर

- सीएम ने गठित की टीम, लिंचिंग के हर पहलू पर मांगी रिपोर्ट

मॉब लिंचिंग पर राज्य सरकार कठोर कदम उठाने जा रही है। यदि कोई हिंसक भीड़ का हिस्सा बनता है तो उसे अपने जीवन का बड़ा हिस्सा जेल में बिताना पड़ सकता है। लिंचिंग को रोकने के लिए इस पर कानून बनाने की तैयारी शुरू हो चुकी है। कानून के अलावा फास्ट ट्रैक कोर्ट पर भी विचार हो रहा है।

बढ़ गईं लिंचिंग की घटनाएं

राजधानी रांची समेत राज्य भर में मॉब लिंचिंग की घटनाएं बढ़ी हैं। इसे लेकर सरकार परेशान भी है। कई बार छोटी-मोटी बात पर भी लिंचिंग की वारदात को अंजाम दिया जा रहा है। इसी महीने राजधानी रांची में दो लोगों की जान मॉब लिंचिंग में चली गई। इसे देखते हुए अब राज्य सरकार हरकत में आ गई है। सीएम हेमंत सोरेन ने लिंचिंग को गंभीरता से लिया है। उन्होंने सभी वरीय अधिकारियों की मीटिंग ली है एवं लिंचिंग की रोकथाम को लेकर विस्तृत चर्चा की है।

रिपोर्ट सौंपने का आदेश

हाल के दिनों में जितनी घटनाएं हुई हैं, उसपर सीएम ने रिपोर्ट पेश करने को कहा है। मॉब लिंचिंग का मामला विधानसभा सत्र में गूंज चूका है। बीते दिनों भीड़ ने अनगड़ा में मुबारक खान की पीट-पीट कर जान ले ली थी, जिसके बाद विधायक इरफान अंसारी मुबारक के परिजनों को लेकर विधानसभा पहुंच गए थे। इससे पहले कोतवाली क्षेत्र में सचिन वर्मा नामक युवक की भीड़ की पिटाई से मौत हो गई थी।

मॉब लिंचिंग ने ले ली पांच जान

बीते एक साल में मॉब लिंचिंग के लगभग दस मामले सामने आए हैं। इसमे पांच लोग अपनी जान तक गंवा चुके हैं। रांची के अलावा रामगढ, दुमका, देवघर, गोड्डा, सरायकेला से मॉब लिंचिंग की खबरें आ चुकी हैं। लिंचिंग में पुलिस के हस्तक्षेप के कारण कुछ लोगों की जान बची है, लेकिन वे अपने साथ हुए हादसे का भुला नहीं सकते। दस दिन पहले ही बड़ा तालाब के पास भीड़ ने एक युवक को चोरी के आरोप में पकड़ लिया और उसकी जमकर पिटाई कर दी। पुलिस के वक्त पर पहुंचने के कारण एक और बड़ा हादसा होते-होते रह गया। अब तक मॉब लिंचिंग की घटनाओं में 10 लोग घायल भी हुए हैं। इसी महीने मॉब लिंचिंग की तीन घटनाएं घट चुकी हैं, जिसमे दो घटना राजधानी और एक गुमला की है।

मृतकों के घर मातम

मॉब लिंचिंग ही बड़ी वजह है जिस कारण अनगडा के मुबारक खान के घर पर मातम पसरा है। वहीं नउवा टोली के रहने वाले सचिन वर्मा के घर इस साल होली का रंग फीका रहेगा। रांची जिला मुख्यालय से मात्र एक किलोमीटर दूर सचिन वर्मा का घर है। ट्रक चोरी के आरोप में भीड़ ने 10 मार्च को उसकी हत्या कर दी थी। वहीं साल 2019 में सरायकेला में तबरेज अंसारी नामक व्यक्ति की भी हत्या मॉब ने कर दी थी। यह मामला मीडिया के साथ-साथ राजनीतिक गलियारों में भी काफी गूंजा। आम पब्लिक ने भी इसका काफी विरोध किया। तबरेज के मामले पर पुलिस ने 13 लोगों को गिरफ्तार किया था, जिसमें 12 लोगों को जमानत मिल चुकी है।

मॉब लिंचिंग की कुछ चर्चित घटनाएं

9 मार्च : गुमला में हत्या के आरोपी रामचंद्र उरांव को भीड़ ने पीटकर मार डाला।

13 मार्च : अनगड़ा के मुबारक खान को बाइक चोरी के आरोप में भीड़ ने जान ले ली।

10 मार्च : रांची के सचिन कुमार वर्मा को ट्रक चोरी के आरोप में पीट-पीट कर मार दिया गया।

23 जून 2020 : गोड्डा में बकरी चोरी के आरोप में बबलू शाह की जान मॉब लिंचिंग में चली गई।

11 मई 2020 : दुमका में शुभान अंसारी को बकरी चोरी के आरोप में पीट-पीट कर मार दिया गया।

17 जून 2019 : सरायकेला में तबरेज अंसारी नामक युवक की पीट-पीट कर हत्या।

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जिला प्रशासन लोगों को कर रहा अवेयर

मॉब लिंचिंग को लेकर जिला प्रशासन और लोकल पुलिस आम पब्लिक को अवेयर कर रही है। पुलिस की ओर से इस संबंध में एक पोस्टर भी जारी किया गया है। इसमें पुलिस की ओर से अपील की गई है कि लोग किसी भी कीमत पर कानून हाथ में न लें। किसी को उकसाने या अफवाह फैलाने पर बेवजह किसी भी व्यक्ति पर हमला नहीं करने की बात कही गई है। वहीं लोकल पुलिस स्टेशन की मदद से भी लोगों को अवेयर किया जा रहा है। डेली मार्केट थाना में मॉब लिंचिंग की घटनाओं पर रोकथाम के लिए जागरुकता कार्यक्रम चलाया गया। थाना प्रभारी राजेश कुमार सिन्हा ने कहा कि किसी प्रकार जानकारी मिलने या संदिग्ध व्यक्ति के दिखने की स्थिति में इसकी जानकारी फौरन लोकल थाना को देनी चाहिए। सभी पुलिस स्टेशन क ो भी मॉब लिंचिंग पर लोगों को जागरूक करने का टास्क दिया गया है।