RANCHI: प्रीपेड एडवांस सेवा देने वाली सेकुलर मोबाइल कंपनियों ने पिछले कई महीनों से बिजली बिल का भुगतान नहीं किया है। पेंडेमिक पीरियड में यह बकाया एक करोड़ रुपए तक पहुंच गया है। राजधानी में चार कंपनियों के मोबाइल टॉवर लगे हुए हैं। सभी पर बिजली बिल बकाया है। इसे देखते हुए इलेक्ट्रिसिटी डिपार्टमेंट ने भी कडे़ कदम उठाने शुरू कर कर दिए हैं। विभाग की ओर से इन मोबाइल कंपनियों को नोटिस भेजा गया है, जिसमें एक हफ्ते के अंदर बकाया बिल का भुगतान करने को कहा गया है। ऐसा नहीं होने से कनेक्शन काटने की भी बात कही गई है। यदि ऐसा होता है तो सिटी में मोबाइल सेवा भी ठप हो सकती है।

सभी कंपनियों को नोटिस भेजेगा डिपार्टमेंट

बिजली विभाग के अनुसार सिटी में अलग-अलग चार मोबाइल कंपनियों के लगभग चार सौ मोबाइल टॉवर डिफरेंट एरिया में लगे हुए है। ये कंपनियों का हर महीने का बिल 50 से 60 हजार का होता है। लेकिन बीते कई महीनों से भुगतान नही करने के कारण बकाया एक करोड़ रुपए तक पहुंच गया है। सभी कंपनियों को पहले अखबार के माध्यम से बकाया राशि जमा करने को कहा जाएगा। इसके बाद नोटिस भेजा जाएगा। फिर भी पेमेंट नहीं होने पर बिजली काट दी जाएगी। पदाधिकारियों ने बताया कि पेमेंट नहीं करने के कारण डिपार्टमेंट को काफी नुकसान हो रहा है। इलेक्ट्रिसिटी डिपार्टमेंट के पदाधिकारियों का कहना है कि लॉकडाउन पीरियड में काफी कम बिल की प्राप्ति हुई है। कोरोना जैसे पेंडेमिक पीरियड में भी बिजली विभाग की सर्विस में कोई कमी नहीं आई है। लेकिन बिल जमा न होने से राजस्व में होने वाली कमी बिजली विभाग के लिए बड़ी चिंता का विषय बन गई है। सिर्फ मोबाइल कंपनियां ही नहीं, बल्कि हॉस्पिटल, होटल, मॉल आदि में भी करोड़ों रुपए का बकाया हो चुका है। इस कारण बिजली विभाग को काफी मुसीबत हो रही है।

तेजी से बढ़े टावर

बीते कुछ सालों में मोबाइल टॉवरों में काफी बढोतरी हुई है। पहले जहां सौ से डेढ़ सौ की संख्या में थे वो आज चार सौ तक पहुंच गई है। मोबाइल टॉवर बढ़ने से रेडिएशन का खतरा भी बढ़ा है। मोबाइल टॉवर अधिक होने से इलेक्ट्रिसिटी पर भी लोड बढ़ा है। कई बार लोड शेडिंग की वजह ये मोबाइल टॉवर भी होते हैं। इसके अलावा रेडिएशन फैलाने में इन मोबाइल टॉवरों का काफी योगदान है। सिटी में मोबाइल सर्विस फील्ड में एक के बाद एक नई कंपनियों की एंट्री से मोबाइल टॉवर्स की संख्या में वृद्धि हुई है। घर बैठे पैसा कमाने की चाहत रखने वाले लोगों ने अपने घरों में ही टॉवर्स लगवाने की अनुमति दे दी है। जिस वजह से गली-गली तक मोबाइल टॉवर्स की पहुंच बढ़ गई है। लोग अपने घरों की छतों पर टॉवर लगवा कर अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं। लेकिन यही मोबाइल टॉवर उनकी जान के लिए खतरा भी बना हुआ। लोग खुद ही मोबाइल टॉवर लगवाकर इससे निकलने वाली इलेक्ट्रो मैग्नेटिक रेडिएशन के खतरे से अनजान बीमारी को दावत दे रहे हैं।

चार सौ मोबाइल टॉवर के लगभग एक करोड़ रुपए बकाया हैं। सभी से बकाया राशि जमा करने का अनुरोध किया गया है। इसके लिए मोबाइल कंपनियों को एक हफ्ते का समय दिया गया है। यदि तय समय के अंदर पेमेंट नहीं आता है तो कभी भी उनकी बिजली काट दी जाएगी।

-अजित कुमार, अधीक्षण अभियंता