रांची (ब्यूरो)। साइबर फ्रॉड आज एक गंभीर समस्या बन चुकी है। मिडिल क्लास फैमिली की सालों की जमा पूंजी इसमें चली जा रही है। साइबर अपराधियों के पास आज लोगों को अपना शिकार बनाने के लिए इतने सारे तकनीक हैं कि आम इंसान किसी न किसी तरीके से अपराधियों के झांसे में आ ही जाता है। लेकिन साइबर फ्राड के साथ पुलिस भी अपडेट हुई है। तभी वैसे लोग जिनके पैसे धोखे से ठगे गए थे साइबर अपराधियों को उनके पैसे वापस करने पड़े हैं। रांची में सात लोगों का पैसा वापस कराने में पुलिस को उपलब्धि हासिल हुई है। हालांकि, यह संख्या काफी कम है। कुल केस का सिर्फ पांच परसेंट लोगों को ही उनका पैसा वापस मिल सका है। लेकिन साइबर फ्राड के शिकार हुए दूसरे पीडि़तों को भी पैसा वापस मिलने की उम्मीद बढ़ गई है। एक साल में अपराध अनुसंधान विभाग ने दर्जनों मामलों का निबटारा किया है, जिसमे साइबर फ्राड द्वारा ठगे गए करीब एक करोड़ रुपए वापस दिलाने में पुलिस को सफलता हासिल हुई है।

इन पीडि़तों को लौटे पैसे

केस 1

डोरंडा निवासी डॉ। धनंजय प्रसाद सिंह से योनो ऐप के माध्यम से साइबर अपराधियों ने 20 लाख रुपए की ठगी कर ली थी। साइबर थाना में लिखित शिकायत देने के बाद पुलिस हरकत में आई। इस घटना को अंजाम देने वाले अपराधी अनिल दास और प्रकाश दास को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। कोर्ट के आदेश के बाद अपराधियों ने पीडि़त को पैसा लौटा दिया, जिसके बाद दोनों अपराधियों को सशर्त जमानत दी गई।

केस 2

बडग़ाईं के रहने वाले सुशील से साइबर अपराधी ने आनलाइन खरीदारी के बाद रुपये वापस करने के नाम पर धोखे से एनीडेस्क ऐप डाउनलोड करवाया और 2,03,617 रुपये की अवैध निकासी कर ली। कोर्ट के आदेश के बाद अपराधियों ने सुशील को उनके पैसे लौटाये, जिसके बाद साइबर अपराधियों को सशर्त जमानत का लाभ दिया गया।

केस 3

हिनू स्थित शुक्ला कालोनी के प्रत्युष नाथ से केवाइसी के नाम पर ठगी की गई। साइबर अपराधियों ने प्रत्युष नाथ से केवाइसी अपडेट के नाम पर 2,53,000 रुपए की ठगी कर ली थी। इस मामले में भी अपराधियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। कोर्ट द्वारा ठगी के पैसे वापस करने की बात पर अपराधियों को सशर्त जमानत दी गई।

केस 4

कांठीटांड़ पंच मंदिर रोड के रहने वाले अपूर्व विवेक को भी साइबर अपराधियों ने अपना निशाना बनाया। उनसे पार्ट टाइम जॉब दिलाने के नाम पर लिंक भेज कर अपराधियों ने 5,41,500 रुपये की ठगी कर ली। अपूर्व को भी उनका पैसा दिला दिया गया। अपराधियों को कोर्ट की ओर से सशर्त जमानत दी गई है। साथ ही भविष्य में ऐसा किसी के साथ नहीं करने का बांड भी भरवाया गया।

केस 5

शिवाजी चौक, बूटी मोड़ के समीप रहने वाली सुषमा सिंह से कुरियर डिलीवरी के नाम पर 210,917 ठगी की गई थी। सुषमा ने इस मामले की शिकायत साइबर थाने में दर्ज कराई थी। मामले में लगातार कार्रवाई होती रही जिसके बाद पुलिस ने अपराधियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। कोर्ट ने पीडि़त का पैसा वापस करते हुए सशर्त जमानत दी है।

केस 6

डेटिंग ऐप के नाम पर भी अपराधी लोगों को अपना शिकार बनाते रहे हैं। सुषमा हांसदा से साइबर अपराधियों ने डेटिंग ऐप के नाम पर ही 7.84 लाख रुपए की ठगी कर ली थी। इस मामले में शामिल अजहरुद्दीन अंसारी नामक अपराधी को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। न्यायालय के आदेश पर गिरफ्तार अभियुक्त ने ठगे गए पैसे वापस लौटा दिए थे।

केस 7

रातू रोड हेहल के रहने वाले ओमप्रकाश वर्मा से साइबर अपराधियों ने 24 लाख की ठगी की थी। इस मामले में यूपी के लखनऊ से दो अपराधी गिरफ्तार किए गए थे। इसमें अभियुक्त रवि सिंह कुशवाहा को हाईकोर्ट ने 24 लाख रुपये पीडि़त को लौटाने का वादा किया, तब उसे सशर्त जमानत का लाभ मिला।