रांची: नशे के लिए प्रयोग किए जाने वाली वैसी दवाइयां जिसे दुकानों में बेचने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। लेकिन वही प्रतिबंधित दवाइयां ऑनलाइन माध्यम से बेधड़क बेची जा रही हैं। सिर्फ ऑनलाइन ऑर्डर ही नहीं, बल्कि घर तक डिलीवरी भी दी जा रही है। रांची भी इससे अछूता नहीं है। यहां भी बेधड़क ऑनलाइन नशे का कारोबार चल रहा है। दुकानों पर तो नशीली दवाइयों की बिक्री कुछ हद तक कम हुई है। लेकिन ऑनलाइन कारोबार खूब फल-फूल रहा है। ऑनलाइन ऑर्डर करने में न तो डॉक्टर के प्रेस्क्रिप्शन की जरूरत पड़ती है और न ही किसी तरह के सवाल पूछे जाते हैं। जबकि सामान्य रूप से दुकानो में इन दवाइयों को खरीदने से पहले डॉक्टर का पर्चा दिखाना पड़ता है। कॉरेक्स जैसी दवा को बिना डॉक्टर की पर्ची के बेचने पर प्रतिबंध लगा हुआ है। वह दवा भी आसानी से ऑनलाइन घर पहुंच जा रही है।

दवा दुकानों में प्रेस्क्रिप्शन जरूरी

मेडिकल स्टोर पर कॉरेक्स सिरप बिना डॉक्टर के प्रेस्क्रिप्शन के बेचने पर रोक है। इसके अलावा ऐल्प्राजोलम समेत अन्य कई ऐसी दवाइयां हैं जिसे डॉक्टर की पर्ची के बिना नहीं बेचना है। दुकानों पर ये दवाइयां आसानी से मिलती भी नहीं हैं। नशा करने वाले युवक मेडिकल स्टोर से अपनी जान-पहचान बढ़ा लेते हैं और ज्यादा पैसे देकर चोरी-छिपे इन मेडिसीन को खरीदते हैं। लेकिन ऑनलाइन शॉपिंग में इसकी कोई जरूरत नहीं पड़ती है। बड़ी आसानी से कोई भी प्रतिबंधित दवाइयों का आर्डर करता है और दो से तीन दिन में दवा होम डिलीवर कर दी जाती है। मेडिकल स्टोर के संचालक विनोद साहू ने बताया कि कई दवाएं हैं, जिन्हें बिना डॉक्टर की अनुमति हम लोग किसी को नहीं देते हैं। डॉक्टर भी इन दवाइयों को काफी रेयर स्थिति में लिखते हैं। लेकिन नशा करने वाले लोग दूसरे तरीके से इन दवाइयों को मंगा लेते हैं।

नशे की गिरफ्त में युवा

आये दिन नशे की लत से युवा जुड़ते जा रहे हैं। धीरे-धीरे यह धंधा शहर में मजबूती से अपनी जड़ें जमा रहा है। ऑनलाइन शॉपिंग में न तो कोई जांच होती है और न ही आजतक कोई कार्रवाई की गई है। इस कारण नशीली दवा बेचने का यह तरीका दिनोंदिन बढ़ता जा रहा है। प्रशासन जहां एक ओर नशीले पदार्थो की खरीद-फरोख्त पर नकेल कस रहा है वहीं नशीले पदाथरें की तस्करी करनेवाले उसका अलग-अलग तोड़ खोजने में लगे हैं। पंडरा के रहने वाले एक युवक ने प्रतिबंधित दवा के लिए ऑर्डर किया। दो दिन में ही वह दवा उसके घर पहुंचा दी गई। युवक ने फार्म इजी बेवसाइट से नशीली दवा के लिए ऑर्डर किया था। उस युवक ने बताया कि बेवसाइट में ऑर्डर प्लेस करने से पहले किसी तरह कोई जानकारी नहीं मांगी गई। वह पहले भी कॉरेक्स और नशे की दूसरी दवाएं मंगा चुका है। राजधानी रांची नशे के सौदागरों के निशाने पर है। रांची में नकली शराब, गांजा, अफीम, ब्राउन शुगर, नशा के टेबलेट, इंजेक्शन की सप्लाई धड़ल्ले से हो रही है। अब ऑनलाइन तरीका भी शुरू हो चुका है, जो यहां के युवाओं के लिए खतरनाक है।

कॉरेक्स के अलावा और भी कई दवाएं हैं, जिसका उपयोग नशे के लिए किया जाता है। सामान्यत: कोई भी डॉक्टर अब इन दवाईयों को लेने की सलाह नहीं देता। युवा मेडिकल स्टोर से या दूसरे तरीके से मंगा कर इसका गलत प्रयोग करते हैं। ऑफलाइन के साथ-साथ अब ऑनलाइन शॉपिंग में भी जांच-पड़ताल और कार्रवाई की जरूरत है।

-डॉ पीके सिन्हा, फिजिशियन