रांची: झारखंड में बिजली की नई दरें इस साल अप्रैल में तय होनी हैं। मगर, राज्य विद्युत नियामक आयोग ने इस दिशा में अब तक कोई पहल ही नहीं की है। वजह यह है कि टैरिफ निर्धारण के लिए अध्यक्ष व दो सदस्यों के पद खाली हैं। अब यदि नियामक आयोग इन पदों को भरता भी है तो दर निर्धारण के लिए ऑनलाइन प्रक्रिया ही अपनानी पड़ेगी। ऊर्जा विभाग की ओर से अध्यक्ष और सदस्य बहाल किये जाने है। इसके लिए सितंबर में विज्ञापन निकाला गया है। जब तक इन पदों को नहीं भरा जाता है दर निर्धारण की प्रक्रिया शुरू नहीं हो सकती है। ऊर्जा विभाग की ओर से दावा किया जा रहा है कि जल्द से जल्द इन पदों पर बहाली की जाएगी।

पिछली बार भी ऑनलाइन जनसुनवाई

साल 2020 में वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए ऑनलाइन जनसुनवाई की गई थी। इस दौरान नयी बिजली दरें अक्टूबर में तय की गयी थीं। हालांकि, इसमें कोई बदलाव नहीं किया गया था। नियामक आयोग ने साल 2019-20 के टैरिफ को ही जारी रखा। आयोग को मिली पीटीशन की मानें तो इस साल जेबीवीएनएल की ओर से बिजली टैरिफ बढ़ाने की योजना थी। आयोग की स्वीकृति इसमें जरूरी है। लेकिन इस बार मामला अध्यक्ष और सदस्य के कारण रुका है। हालांकि, जेबीवीएनएल की ओर से एनुअल रेवेन्यू रिक्वायरमेंट के लिए पीटीशन दे दिया गया है।

अन्य कंपनियों की भी नहीं हुई सुनवाई

आयोग की ओर से जेबीवीएनएल समेत इनलैंड पावर, आधुनिक पावर, टाटा पावर लिमिटेड, डीवीसी समेत अन्य जेनरेटर और वितरक कंपनियों का टैरिफ तय किया जाता है। अध्यक्ष और सदस्य बहाल होने से ये प्रक्रियाएं भी ऑनलाइन ही होंगी। बता दें कि ऊर्जा विभाग की ओर से सिंतबर में अध्यक्ष पद की बहाली के लिए विज्ञापन निकाला गया था। वहीं, इसके लिए ग्यारह लोग सूचीबद्ध हैं।