RANCHI: डिजिटल इंडिया के तहत रांची में सबकुछ डिजिटल होना है। इसी के तहत ई-गवर्नेस सुविधा भी शुरू की गई है, जिसमें लोगों तक सभी सरकारी सुविधाएं आसानी से उपलब्ध कराने के लिए ऑनलाइन सिस्टम शुरू किया गया है। ऑनलाइन काम कराने के लिए गवर्नमेंट ने प्रज्ञा केंद्र, सीएससी, जन सुविधा केंद्र को जिम्मेवारी दी है। लेकिन विडंबना यह है कि ऑनलाइन काम भी यहां ऑफलाइन मोड में ही हो रहे हैं। ई-गवर्नेस के तहत ई-डिस्ट्रिक्ट परियोजना शुरू की गई है। इसमें हर महीने स्टेट गवर्नमेंट करोड़ों रुपए सेंटर का संचालन करने वाली कंपनी को दे रही है।

कभी लिंक फेल तो कभी सर्वर डाउन

सिटी के अलग-अलग हिस्सों में सीएससी और प्रज्ञा केंद्र संचालित किए जा रहे हैं। लेकिन इन सेंटरों पर काम कितनी लापरवाही से हो रहा है, इसकी बानगी किसी भी सीएससी में जाकर देखी जा सकती है। लोगों को काम के लिए बार-बार दौड़ाया जाता है। कभी लिंक नहीं है, कभी सर्वर डाउन तो कभी कागज में कमी बताकर लोगों को परेशान किया जाता है। लोगों को आज भी ऑनलाइन मोड वाली सभी योजनाओं में ऑफलाइन जैसी समस्या का सामना करना पड़ रहा है।

बर्थ सर्टिफिकेट से डीएल तक में प्रॉब्लम

ई-डिस्ट्रिक्ट परियोजना के तहत शहर में आम पब्लिक जन सुविधा केंद्र में जाति, आवासीय, इनकम, जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने पहुंचते हैं। यहां तक की ड्राइविंग लाइसेंस का पेमेंट करना हो या राशन कार्ड अप्लाई कराना हो, हर काम के लिए ऑनलाइन प्रॉसेस ही है। लेकिन इन कामों के लिए भी पब्लिक परेशान होती है। कास्ट एवं रेसिडेंस सर्टिफिकेट के लिए अप्लाई करने के बाद भी लोगों को सीओ और डीसी ऑफिस का चक्कर काटना पड़ता है। तत्काल सेवा के तहत ज्यादा चार्ज देने के बावजूद आवेदनकर्ता सरकारी बाबुओं के ऑफिस के चक्कर लगा रहे हैं।

12 साल बाद भी बदहाल है ऑनलाइन सिस्टम

झारखंड में ई-डिस्ट्रिक्ट परियोजना 2008 में शुरू की गई थी। सबसे पहले यह सेवा रांची में ही शुरू हुई थी। इसके बाद दूसरे जिलों में इसी सिस्टम को फॉलो करते हुए परियोजना की शुरुआत हुई। राजधानी में इस योजना के शुरू हुए 12 साल बीत गए, लेकिन आज भी यहां ऑनलाइन सुविधा बदहाल है। प्रमाण पत्र संबंधी कार्यो में लोगों को कोई सुविधा नहीं मिल पाई है। पहले ऑफलाइन कागज लेकर दौड़ना पड़ता था और आज भी ऑनलाइन आवेदन करने के बाद भी आफिस का चक्कर लगाने पड़ रहे हैं। इन सेंटर में जाति, आवासीय के अलावा वृद्धा-विधवा, विकलांगता पेंशन, रोड टैक्स, राशन कार्ड अप्लाई, मतदाता सूची में पहचान पत्र जैसे कई जरूरी काम कराने लोग पहुंचते हैं। लेकिन कई बार उन्हें बगैर काम कराए ही लौटना पड़ता है।