रांची (ब्यूरो)। राजधानी रांची के हिंदपीढ़ी इलाके में अब भी कई खुले और खतरनाक नाले हैं, जो लोगों को निगलने का इंतजार कर रहे हैं। यह इलाका घनी आबादी वाला है। यहां छोटे-छोटे बच्चे भी सड़क पर खेलते दिख जाते हैं। कोई भी बच्चा गलती से नाले में गिर गया तो वह कहां जाकर निकलेगा, यह कोई नहीं बता सकता है। ऐसी घटना इस क्षेत्र में घट चुकी है। फिर भी नगर निगम ने आज तक इसकी सुध नहीं ली। हिंदपीढ़ी में ही स्थित है नाला रोड। जिसके नाम से भी लोग खौफ खाते हैं। इस नाले में फलक नामक बच्ची बहकर अपनी कुर्बानी दे चुकी है, इसके बावजूद जिम्मेदारों ने इसे ढकने की जहमत नहीं उठाई। इलाके में दर्जनों नालियां है जिनपर स्लैब नहीं लगे हैं। कहीं लगे भी थे तो सफाई के लिए उसे हटाया गया जो फिर दोबारा नहीं लग सका। इन नालों की गहराई काफी ज्यादा है। हर वक्त खतरा बना रहता है, न जाने कब कोई मासूम नाले में बह जाए।

नालियां ढकनी थीं

मासूम फलक के नाली में बहने के बाद कई वादे और दावे किए गए। दोनों ओर से नाले को ढकने और जाली लगाने का निर्णय लिया गया। कुछ स्थानों में नालियों को ढका भी गया। लेकिन फिर से उनके स्लैब हटा दिए गए। जालियां तो कही लगाई ही नहीं गई। खुले नाले मौत की घंटी बजा रहे हैं। लेकिन हुक्कमरानों को इसकी आवाज सुनाई नहीं दे रही। पता नहीं अब और कितनों की जान लेंगे। सिर्फ हिंदपीढ़ी ही नहीं, बल्कि राजधानी रांची में सैकड़ों बड़ी और खुली नालियां खतरे का अलार्म बजा रही हैं। लेकिन नगर निगम को यह दिखाई नहीं देता। कई बार बोर्ड की बैठक में नालों को ढकने का प्रस्ताव लाया गया। लाखों रुपए की योजनाएं भी बनीं, लेकिन वह धरातल पर नहीं उतर सकीं।

कुछ ही दिन में मानसून

सिटी में कुछ ही दिनों बाद मानसून शुरू हो जाएगा। शनिवार को हुई बारिश ने हिंदपीढ़ी समेत सभी इलाकों की सफाई व्यवस्था की पोल खोल कर रख दी। जाम नालियों से पानी ओवर फ्लो होकर सड़क पर बहने लगा। खुले नाले में पानी का बहाव भी काफी ज्यादा था। गर्मी के मौसम में हुई बारिश में ऐसा मंजर दिखा जिससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि मानसून में स्थिति क्या होगी।

17,630 मीटर खुला नाला

हिंदपीढ़ी का वह इलाका जहां साल 2019 में पांच वर्षीया फलक बह गई थी। उस इलाके में नालियों की कुल लंबाई 22,533 मीटर है। जिसमें 17,630 मीटर नालियां खुली हुई हैं। सिर्फ 4903 मीटर नालियों को ही स्लैब से ढकने में सफल हो सका है रांची नगर निगम। जिन नालियों पर स्लैब लगा था उसे भी सफाई कर्मी हटा कर ऐसे ही छोड़ दिए हैं। स्थानीय लोगों ने बताया कि बार-बार कंप्लेन के बाद किसी तरह नाली को ढका गया था। लेकिन सफाई कर्मियों ने फिर से हटा दिया है। अक्सर कोई न कोई हादसे का शिकार होता रहता है। कई बार जानवर भी नाले में गिर जाते हैं। काफी मशक्कत से उसे बाहर निकाला जाता है।