RANCHI: अगर आप भी रिम्स में अपना या अपने किसी परिजन का इलाज कराने जा रहे हैं तो अलर्ट हो जाएं। चूंकि हॉस्पिटल कैंपस में नजर हटी तो आप सीधे हॉस्पिटल पहुंच जाएंगे। जी हां, हम बात कर रहे हैं राज्य के सबसे बड़े हॉस्पिटल रिम्स की, जहां कदम-कदम पर मेनहोल खुले हैं जो कभी भी बड़े हादसे का कारण बन सकते हैं। इसके बावजूद न तो प्रबंधन का ध्यान इस ओर है और न ही सीवरेज-ड्रेनेज देखने वाले विभाग का। ऐसे में सवाल यह उठता है कि क्या प्रबंधन किसी हादसे का इंतजार कर रहा है?

हटाया पर लगाना गए भूल

1500 बेड के इस हॉस्पिटल में सीवरेज-ड्रेनेज का जाल बिछा हुआ है। इसकी सफाई के लिए जगह-जगह पर मेन होल बनाए गए हैं, जिससे की सफाई के साथ ही मेंटेनेंस में भी ज्यादा परेशानी ना हो। अब सफाई के लिए मेनहोल के कवर तो हटाए गए। लेकिन उसे दोबारा ढका ही नहीं गया। अब विभाग और कर्मियों की इस लापरवाही का खामियाजा इलाज के लिए आने वाले मरीजों और उनके परिजनों को भुगतना पड़ेगा।

मेनहोल में गिरे तो घायल होना तय

कई जगहों पर मेनहोल के कवर तो हटाए गए, लेकिन वहां से ढक्कन भी गायब हो गए। इसके बाद न तो वहां कोई सूचना बोर्ड लगाया गया और न ही उस जगह की घेराबंदी की गई। अब इन मेनहोल में कोई गिर जाए तो उसकी क्या स्थिति होगी समझा जा सकता है। वहीं अंदर गैस की वजह से उसकी जान भी जा सकती है। अगर उसकी जान नहीं भी गई तो वह इंसान बुरी तरह से घायल तो जरूर हो जाएगा।

डेली आते-जाते हैं अधिकारी व डॉक्टर

हॉस्पिटल के अलग-अलग विभागों में डॉक्टर्स की ड्यूटी है। ये लोग हर दिन अपने विभाग में जाते हैं। वहां पर मरीजों की भी काफी भीड़ होती है। वहीं अधिकारी भी राउंड के दौरान पहुंचते है पर किसी की भी नजर इस खुले मेनहोल पर नहीं पड़ती।

डेंगू-मलेरिया को भी दावत

हॉस्पिटल कैंपस में जगह-जगह खुले मेनहोल हादसों के अलावा डेंगू-मलेरिया जैसी गंभीर बीमारियों को भी दावत दे रहे हैं। इसमें गंदा पानी जमा होने के कारण दुर्गध भी आती रहती है, जिससे की पास से गुजरने वालों को अपनी सांसें तक रोकनी पड़ जाती है।