रांची: राजधानी में खत्म हो चुके आर्गनाइज्ड क्राइम के जाल को पीएलएफआई एक बार फिर तैयार करने में जुटा है। कारोबारियों को मोबाइल पर फोन कर रंगदारी मांगने वाला बड़कागांव निवासी अवधेश जायसवाल उर्फ चूहा इस बार राजधानी में दहशत फैलाने की जुगाड़ में है। कारोबारियों को व्हाट्सअप पर वीडियो कॉल करने वाला अवधेश अपने दोनों तरफ एके 47 से लैस दो लड़के तैनात रखता है। पुलिस सूत्रों की मानें तो दिनेश गोप करीब 24 घंटे अवधेश के साथ ही मौजूद रहता है और जरूरत पड़ने पर ही सामने आता है।

जमीन कारोबारियों पर नजर

पीएलएफआई ने हाल के दिनों में स्टूडेंट्स को अपने संगठन में शामिल कर लिया है। यह लड़के पीएलएफआई के लिए रेकी करते हैं। इन्हें खास तौर पर जमीन कारोबारियों और बिल्डर्स पर नजर रखने को कहा गया है। रेकी कर मोबाइल नम्बर और सारे डिटेल अवधेश उर्फ चूहा को भेजा जाता है, जिसके बाद वह व्हाट्सअप से कारोबारियों को कॉल करता है।

नगड़ी, नामकुम, तुपुदाना में दहशत

नगड़ी, नामकुम, तुपुदाना इलाके के कुछ जमीन कारोबारियों से भी रंगदारी मांगी गई है। कुछ जमीन कारोबारियों से लेवी वसूली भी की गयी लेकिन वे लोग डर से कहीं शिकायत दर्ज नहीं करा रहे। रूरल एरिया में रियल एस्टेट का काम करने वाले लोगों से एक एकड़ के ऊपर जमीन पर काम करने के एवज में प्रति एकड़ 5 लाख रुपये रंगदारी मांगी जा रही है।

सूजीत ने दिनेश के साथ शुरू किया था व्हाट्सअप कॉल का खेल

जेल में बंद गैंगस्टर सुजीत सिन्हा ने पीएलएफआई सुप्रीमो दिनेश गोप से मिलकर व्हाट्सएप ग्रुप वीडियो कॉलिंग कर झारखंड के व्यवसायियों को निशाना बनाना शुरू किया था। रांची पुलिस की जांच में खुलासा हो चुका है कि व्हाट्सअप और वीडियो कॉल के खेल में सबसे अहम भूमिका पीएलएफआई के उग्रवादी प्रेम गोप की है। गैंगस्टर सुजीत सिन्हा पहले प्रेम गोप को वीडियो कॉल करता है, इसके बाद प्रेम ही दिनेश गोप को लाइन पर लेता है।

जेल लोकेशन से पुलिस परेशान

पुलिस ने हाल के दिनों में जब रंगदारी मांगे जाने वाले फोन की लोकेशन ट्रेस की तो कई बार कई नंबरों का लोकेशन जमशेदपुर स्थित घाघीडीह जेल का निकला। इस जेल में गैंगस्टर सुजीत सिन्हा बंद है जो झारखंड पुलिस के लिए सिरदर्द बन गया है। हालांकि 31 अक्टूबर को जो फोन कॉल किए गए हैं, उनका लोकेशन खूंटी जिले का ही बताया जा रहा है।

जेल में कैसे होता है सबकुछ मैनेज

झारखंड की जेलों में बंद गैंगस्टर और बड़े अपराधी आसानी से अपना साम्राज्य चला रहे हैं। फोन का इस्तेमाल कर अपने गिरोह के सदस्यों से काम करवा रहे हैं। रांची पुलिस की जांच में इस बात का खुलासा हो गया है कि गैंगस्टर सुजीत सिन्हा, अमन साहू, प्रेम गोप, लव कुश शर्मा, कालू लामा समेत कई अपराधी जेल में मोबाइल का इस्तेमाल करते हैं। जिन नंबरों से रंगदारी की मांग की जा रही है उनका लोकेशन भी जेल के अंदर का मिलता है। इसके बाद भी जेल प्रशासन के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं होती है।

जेल प्रशासन पर भी लगे धारा 120 बी

पुलिस के एक वरीय अधिकारी का कहना है कि इस बात की पुष्टि हो चुकी है कि जेल में बैठे हुए अपराधी क्राइम की घटनाओं में संलिप्त हैं। इस पर जेल प्रशासन के खिलाफ भी भादवि की धारा 120 बी के तहत कार्रवाई होनी चाहिए। पुलिस की नाकामी से गैंगस्टर सुजीत सिन्हा का खौफ बढ़ता जा रहा है। दिनेश गोप राजधानी के व्यवसायियों से लगातार रंगदारी की मांग कर रहा है। पुलिस की रिमांड पर आने के बाद सुजीत सिन्हा ने पुलिस के सामने इस बात का खुलासा किया था कि उसके गिरोह के कई लोग ऐसे हैं, जो रांची में रंगदारी का पैसा वसूलते हैं।