रांची (ब्यूरो)। रांची स्थित रिम्स के ओपीडी और प्राइवेट प्रैक्टिस करने वाले डॉक्टरों के क्लिनिक के बाहर मरीजों की लाइन लगनी शुरू हो गई है। मौसमी बीमारी के ज्यादा पेशेंट्स इलाज कराने पहुंच रहे हैं। राज्य के सबसे बडे हॉस्पिटल रिम्स में भी मौसमी बीमारी से ग्रसित मरीज इलाज कराने पहुंच रहे हैं। रिम्स में सामान्य दिनों में हर दिन 700 से 800 मरीज आते हैं लेकिन इन दिनों 1200 से 1400 मरीज इलाज के लिए आ रहे हैं। मेडिसिन डिपार्टमेंट के बाहर लंबी लाइन लग रही है। सिर्फ रिम्स ही नहीं, बल्कि सदर और डोरंडा हॉस्पिटल में भी मरीजों की भीड़ देखी जा रही है।

टीबी व चेस्ट के रोगी ज्यादा

रिम्स में टीबी और चेस्ट की बीमारी से संबंधित रोगी भी पहुंच रहे हैं। इसके अलावा लोग डिहाईड्रेशन, वायरल फीवर, डायरिया, चर्म रोग समेत अन्य बीमारियों से भी ग्रसित हो रहे हैं। रिम्स के डॉ ब्रजेश ने बताया कि इलाज के लिए आने वाले रोगियों में पोस्ट कोविड भी शामिल है। पोस्ट कोविड पेशेंट्स में भी चेस्ट पेन, खांसी और जलन की शिकायत आ रही है। लेकिन इसमें ज्यादा परेशान होने की जरूरत नहीं है। सिर्फ ज्यादा सावधानी और सतर्कता ही खुद का बचाव है। खान-पान के साथ-साथ दैनिक रूटीन में भी थोड़ा बदलाव करना चाहिए। ठंड का मौसम शुरू हो चुका है इसलिए गर्म पानी का सेवन कर देना चाहिए। खाना ताजा, गर्म और पौष्टिक ही लें। इधर कोरोना संक्रमण के मामले बढऩे से भी लोगों की चिंता बढ़ी हुई है। बीते तीन महीने से कोरोना के एक भी नए मरीज सामने नहीं आ रहे थे। लेकिन हाल में दो संक्रमित भर्ती हो गए हैं।

दवा के साथ एहतियात जरूरी

रिम्स के डॉ ब्रजेश मिश्रा ने बताया कि मौसमी बीमारी से ग्रसित काफी मरीज पहुंच रहे हैं। सबसे ज्यादा सर्दी, बुखार और बदन दर्द की शिकायत लेकर मरीज पहुंच रहे हैं। डॉक्टर ने बताया कि पहले से किसी बीमारी से जूझ रहे लोगों को बदलते मौसम में सावधानी बरतनी चाहिए। डॉक्टर से भी समय-समय पर मिलकर परामर्श जरूर लेना चाहिए। खान-पान के अलावा, योगा, एक्सरसाइज और मॉर्निंग वाक पर भी ध्यान देना चाहिए। डॉक्टर मिश्रा ने मरीजों को इलाज के साथ-साथ एहतियात बरतने की भी सलाह दी है। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण का खतरा कम नहीं हुआ है। बेवजह बाहर जाने से अब भी बचना चाहिए। बाहर जाने से पहले मास्क जरूर लगाना चाहिए।