RANCHI: कोरोना का कहर जारी है। हर दिन सैकड़ों पेशेंट्स भी सामने आ रहे हैं। लेकिन कुछ कोरोना मरीजों ने खुद के साथ दूसरों का भी सिर दर्द बढ़ा दिया है। इतना ही नहीं, कोरोना पॉजिटिव मरीज हॉस्पिटल पहुंचने के बाद अपनी रिपोर्ट भी छिपा रहे हैं। इस वजह से न जाने कितने डॉक्टर और स्टाफ भी संक्रमण की चपेट में आ गए हैं। इसका खुलासा तब हो रहा जब मरीज का रिम्स में कोविड टेस्ट के लिए सैंपल लिया जा रहा। तब मरीज ने बताया कि वह तो कोरोना पॉजिटिव है। इसके बाद तो ड्यूटी में तैनात डॉक्टर्स के होश ही उड़ जा रहे हैं।

कम्युनिकेशन गैप

टेस्ट में कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद लैब वालों को तत्काल इसकी सूचना संबंधित जिला अधिकारी, सिविल सर्जन और कंट्रोल रूम को देनी होती है। लेकिन कई मरीजों की जानकारी लैब वाले देर से दे रहे हैं या फिर लैब वाले भूल जा रहे हैं। अब इस कम्युनिकेशन गैप का शिकार रिम्स के डॉक्टर हो रहे हैं।

एक मरीज के साथ आधा दर्जन परिजन

हॉस्पिटल में इलाज के लिए कोरोना मरीजों के साथ आधा दर्जन परिजन भी पहुंच रहे हैं। अब कोरोना मरीज अपने साथ आने वाले इन लोगों की जान भी खतरे में डाल रहे हैं। इससे समझा जा सकता है कि हमारे आसपास भी कई कोरोना पॉजिटिवि घूम रहे हैं, जिससे मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ेगी।

डॉक्टर-स्टाफ हो रहे संक्रमित

रिम्स से लगातार नए कोरोना के मामले सामने आ रहे हैं, जिसमें सीनियर और जूनियर डॉक्टरों के अलावा कई स्टाफ्स भी शामिल हैं। ये वही लोग हैं जो मरीजों द्वारा कोरोना रिपोर्ट छिपाए जाने के बाद पॉजिटिव हो गए। वहीं मरीजों द्वारा रिपोर्ट छिपाने का सिलसिला थम नहीं रहा। इससे परेशानी बढ़ गई है।

केस-1

रामगढ़ से एक मरीज तेज बुखार और खांसी के साथ इमरजेंसी में पहुंचा। जहां उसकी स्क्रीनिंग के बाद इमरजेंसी में डॉक्टरों ने इलाज करना शुरू किया। वहीं कोविड टेस्ट के लिए उसका स्वाब सैंपल लिया गया। तब उसने अपनी कोरोना रिपोर्ट दिखाई कि वह पॉजिटिव है।

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केस 2

धुर्वा का एक मरीज टेस्ट में कोरोना पॉजिटिव पाया गया। उसे भी बुखार के साथ सांस लेने में भी तकलीफ थी। लेकिन उसने रिम्स पहुंचने के बाद भी नहीं बताया। वहीं उसकी जानकारी भी प्रशासन ने नहीं दी। रिम्स में जब उसका सैंपल लेने की बात हुई तो उसने बताया कि कोरोना पॉजिटिव है।

इमरजेंसी में कई ऐसे मरीज आ रहे हैं। अगर प्रशासन के पास इसकी रिपोर्ट है तो उन्हें इलाज के लिए भेजे जाने वाले हॉस्पिटल को बताना चाहिए। चाहे वह रिम्स हो या कोई और हॉस्पिटल। इस वजह से हमारे डॉक्टरों को खतरा अधिक हो गया।

-डॉ बी कुमार, रिम्स