रांची: रविवार को डीसी छवि रंजन की अध्यक्षता में प्राइवेट हॉस्पिटल संचालकों की एक महत्वपूर्ण बैठक हुई। इसमें सभी निजी अस्पताल संचालकों से झारखण्ड सरकार के दिशा-निर्देशों को ध्यान में रखते हुए एसिम्प्टोमेटिक मरीजों के लिए बेड की संख्या बढ़ाने पर जोर दिया गया। साथ ही सभी निजी अस्पताल संचालकों को कड़ाई के साथ यह कहा गया है कि वो किसी भी कीमत पर मरीजों को इलाज से मना नहीं करेंगे। सभी से सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के तहत एसिम्प्टोमेटिक माइल्ड सिम्पटम वाले मरीजों के लिए कोविड केयर सेंटर तैयार करने को कहा गया। साथ ही ऐसे अस्पताल जिन्होंने अपने अस्पतालों में पहले से ही इलाज के लिए बेड तय किया है उन्हें बेड की संख्या बढ़ाने को कहा गया। ताकि हर एक व्यक्ति को समुचित इलाज उपलब्ध कराया जा सके।

अधिकतर एसिंप्टोमेटिक हैं

उपायुक्त ने कहा कि कोविड-19 के जितने भी मामले रांची जिला में सामने आ रहे हैं, उनमें ज्यादातर एसिम्प्टोमेटिक, माइल्ड सिम्पटम वाले मरीजों की है। चूंकि मरीजों की संख्या बढ़ी है और एसिम्प्टोमेटिक मरीजों के लिए आईसीयू, कोविड डेडिकेटेड अस्पताल में दाखिले की जरूरत नहीं है, ऐसे में प्राइवेट कोविड केयर सेंटर की मदद से लोगों को सुविधा उपलब्ध करवाई जा सकती है।

इलाज के लिए मना न करें

उपायुक्त ने सभी निजी अस्पतालों को कहा कि कोविड मरीजों के अलावा आपके अस्पताल में रोजाना अलग-अलग समस्याओं के साथ लोग इलाज के लिए पहुंचते हैं। ऐसे में किसी भी मरीज का इलाज संदेह के आधार पर मना नहीं करें। अगर संदेह की स्थिति हो, सिम्पटम दिखाई दे तो उनकी जांच करवाएं। इसके अतिरिक्त अभी भलाई इसी में है कि हर एक मरीज का इलाज कोविड 19 से बचने के लिए जारी की गई आईसीएमआर एवं राज्य सरकार की गाइडलाइन का अनुपालन करते हुए किया जाए। अगर इस तरह की शिकायत मिलती है कि किसी अस्पताल ने इलाज करने से मना किया है तो यह हमारे लिए एक शर्मनाक स्थिति है और ऐसे में हमें कड़े कदम उठाने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। इस विपरीत परिस्थिति में हमें साथ मिलकर लोगों की सेवा करनी होगी।

डिस्चार्ज से पहले प्रशासन को बताएं

सभी निजी अस्पतालों से यह कहा गया है कि अगर किसी मरीज का सरकारी या निजी लैब से जांच रिपोर्ट पॉजिटिव मिलता है और आपके पास इलाज की सुविधा नहीं हो तो डिस्चार्ज करने से पहले इसकी जानकारी जिला प्रशासन को मिलनी चाहिए। जिला प्रशासन को बिना जानकारी दिए अगर किसी मरीज को डिस्चार्ज किया जाता है तो ऐसे मामलों में कार्रवाई की जाएगी।