RANCHI : रांची-खूंटी की सीमा पर स्थित बांदा गांव में पुलिस के साथ मुठभेड़ में पीएलएफआई एरिया कमांडर दिनेश साहू मारा गया। गुरूवार की सुबह हुई इस मुठभेड़ में दोनों ओर से कई राउंड फायरिंग हुई। पुलिस ने मुठभेड़ स्थल से एक काबाईन, सात जीवित कारतूस, विभिन्न कंपनियों के 19 मोबाइल फोन , 50 सिम, तीन नए महंगे जैकेट, जोरिना होरो का आधार कार्ड, एक डायरी बरामद किए हैं। इस डायरी में संगठन से जुड़े लोगों, व्यवसायियों और ठेकेदार के नाम और फोन नंबर लिखे हैं। पुलिस डायरी में लिखे फोन नंबर की जांच कर रही है।

घटनास्थल पर पहुंचें कई अधिकारी

मुठभेड़ की सूचना मिलते ही डीआईजी अरुण कुमार सिंह, खूंटी एसपी अनीष गुप्ता, एएसपी पीआर मिश्रा, रांची के रूरल एसपी राजकुमार लकड़ा, एएसपी ऑपरेशन हर्षपाल सिंह, सिल्ली डीएसपी अजीत शंकर, हटिया एएसपी प्रशांत आनंद सहित कई वरीय पुलिस पदाधिकारी मौके पर पहुंचकर मामले की छानबीन की। इधर, ग्रामीणों ने पुलिस को बताया कि गांव के रास्ते से तीन बंदूकधारी जंगल की ओर जा रहे थे। उसी क्रम में एक बाइक पर सवार एक व्यक्ति उधर से गुजरा। उसके बाइक में कुछ कपड़े व पॉलीथीन रखा था। वह दिनेश को न्यू ब्रांडेड जैकेट देने जा रहा था। आवश्यक प्रक्रिया पूरी करने के बाद एरिया कमांडर दिनेश शाहू का शव खूंटी पुलिस को सौंप दिया गया।

मिली थी गुप्त सूचना

खूंटी के एसपी अनीश गुप्ता को सूचना मिली थी कि दिनेश साहू अपने दो सहयोगियों के साथ साथ बांदा गांव में किसी वारदात को अंजाम देने की प्लानिंग कर रहा है। इस आधार पर पुलिस ने उक्त इलाके की घेराबंदी कर गांव में पहुंची। पुलिस को देखकर नक्सलियों ने गोली चलानी शुरू कर दी। पुलिस ने भी जवाबी फायरिंग की। पुलिस को भारी पड़ता देख तीनों नक्सली वहां से भागने लगे। इस बीच पुलिस की एक गोली दिनेश साहू के पैर में लग गई। इसके बाद वह वहीं बैठकर अपनी कारबाइन से फायरिंग शुरू कर दी। इसी दौरान पुलिस की कई गोलियां उसके शरीर में जा लगी। इसके बाद जब पुलिस वहां पहुंची तो वह मर चुका था।

कर्रा का था रहनेवाला

दिनेश साहू कर्रा थाना क्षेत्र के बमरजा गांव का रहनेवाला था। उसकी सम्राट गिरोह से अदावत चलती थी। यही वजह है कि सम्राट गिरोह के अपराधियों ने इस साल 25 नवंबर को उसके पिता बिरसा साहू (60) की गोली मारकर हत्या कर दी थी। इस घटना को अंजाम देने के लिए सम्राट गिरोह के 10 से 12 हथियारबंद अपराधकर्मी दिनेश के घर पहुंचे थे। उस समय घर में दिनेश के पिता बिरसा साहू, उसकी मां और बहन घर पर मौजूद थी। अपराधकर्मियों ने अपने को पुलिस बताकर दरवाजा खुलवाया और उन्हें बाहर निकाला और पांच-छह गोलियां दाग दी, जिससे मौके पर ही उनकी मौत हो गई। बिरसा साहू गांव के ही एक स्कूल में पारा शिक्षक थे।

सम्राट गिरोह के लिए भी किया था काम

खूंटी एसपी अनीश गुप्ता के मुताबिक, दो साल पहले दिनेश साहू सम्राट गिरोह के सुप्रीमो जयनाथ साहू का दाहिना हाथ हुआ करता था। लेकिन बाद में वह पीएलएफआई में शामिल हो गया। दिनेश के काम करने के तौर-तरीके को देखते हुए संगठन में पहले उसे सब-जोनल कमांडर बनाया गया। लेकिन, बाद में एरिया कमांडर बनाकर कर्रा, खूंटी जिले के उतरी भाग तथा तुपुदाना इलाका का जिम्मा दे दिया गया था।

तुपुदाना मुठभेड़ में था शामिल

तुपुदाना ओपी एरिया के सफायर इंटरनेशनल स्कूल के आगे डुंगरी गांव के समीप इस साल पांच नवंबर को हुए पुलिस व पीएलएफआई के बीच हुए मुठभेड़ में वह शामिल था। व्यवसायियों से लेवी वसूलने के लिए वह अपने दस्ते के साथ यहां आया हुआ था। पुलिस को देख वह मौके से फरार हो गया था। इस मुठभेड़ में घायल फिरोज अंसारी गुपचुप तरीके से रिम्स में इलाज करा रहा था। पुलिस को इसकी भनक मिली तो रिम्स से ही उसे गिरफ्तार कर लिया गया। उसकी निशानदेही पर ही नक्सली जुल्फान अंसारी को नगड़ी पुलिस ने पकड़ा था। पुलिस ने मुठभेड़ स्थल से जहां दो राइफल बरामद किए थे, वहीं फिरोज के घर से एक देसी मशीनगन, एक देसी एक नाली बंदूक, मशीनगन की मैगजीन और सात जिंदा कारतूस मिले थे।

तीन लाख का था इनाम

झारखंड पुलिस ने पीएलएफआई एरिया कमांडर दिनेश साहू पर अघोषित तौर पर तीन लाख का इनाम घोषित कर रखा था। उसके खिलाफ रांची के तुपुदाना व लापुंग और खूंटी के कर्रा समेत कई थानों में 30 से अधिक मामले दर्ज हैं। पुलिस को पुलिस को लंबे समय से हत्या, अपहरण, लूट, आ‌र्म्स एक्ट सहित दर्जनों मामले में लंबे समय से उसकी तलाश थी।