RANCHI : सिटी के मोरहाबादी मैदान में गुरुवार को एक तरफ झारखंड राज्य स्थापना दिवस का मुख्य राजकीय समारोह चल रहा था तो दूसरी तरफ आंदोलन कर रहे पारा टीचर्स पर पुलिस आंसू गैस के साथ लाठियां बरसा रही थी। गवर्नर द्रौपदी मुर्मू और मुख्यमंत्री रघुवर दास समेत कई सांसदों, मंत्रियों, विधायकों और आला अफसरों की मौजूदगी में पुलिस और पारा शिक्षकों की भिड़ंत से मोरहाबादी मैदान और आसपास अफरातफरी मची हुई थी। दरअसल, समारोह में मुख्यमंत्री को काला झंडा दिखाने की नीयत से आए पारा टीचर्स को काबू में करने के लिए रैफ और सीआरपीएफ के जवानों ने जब लाठीचार्ज शुरू किया तो बचने के लिए पारा टीचर्स इधर-उधर भागते फिर रहे थे। इस भागमभाग की वजह से जहां कई लोग गिरने की वजह से घायल हो गए, वहीं लाठीचार्ज में 50 पारा शिक्षकों, चार पत्रकारों और एक सफाईकर्मी जख्मी हो गए, जिन्हें आनन-फानन में इलाज के लिए रिम्स ले जाया गया।

सिटी एसपी से हाथापाई

पारा टीचर्स ने सेवा स्थायी करने की मांग को लेकर पहले ही राज्य स्थापना दिवस को लेकर आयोजित होने वाले समारोह में मुख्यमंत्री रघुवर दास को काला झंडा दिखाने का ऐलान कर दिया था। इसी कड़ी में राज्य के अलग-अलग इलाकों से पचास से भी ज्यादा जत्थे में हजारों पारा टीचर्स मोरहाबादी मैदान की ओर कूच कर रहे थे। लेकिन, समारोह स्थल के ठीक बाहर सिटी एसपी अमन कुमार दलबल के साथ तैनात थे। जब पारा शिक्षकों का हुजूम वहां पहुंचा, तो उन्हें रोकने के लिए एसपी और अन्य पुलिस अधिकारी उनसे बातचीत करने लगे। इसी क्रम में एक पारा शिक्षक ने सिटी एसपी के साथ हाथापाई कर दी। ऐसे में पुलिस ने भी आपा खो दिया और पारा टीचर्स पर लाठियां बरसानी शुरू कर दी।

टीचर्स को खदेड़-खदेड़ कर धुना

मोरहाबादी मैदान में दिन के करीब डेढ़ बजे तक लगभग पांच हजार पारा शिक्षक पहुंच चुके थे। अधिकतर के हाथ में काला झंडा था। समारोह स्थल के ठीक सामने आर्मी कैंप की बैरिकेडिंग के पास पारा शिक्षक काला झंडा लहराते हुए नारेबाजी कर रहे थे। इसी दौरान सिटी एसपी के साथ हाथापाई की बात रैफ और सीआरपीएफ के जवानों को भी बता दी गयी। इसके बाद पारा शिक्षकों खदेड़-खदेड़ कर पुलिस ने पीटना शुरू कर दिया

रणक्षेत्र बना रहा मोरहाबादी मैदान

दिन के एक बजे से ढाई बजे तक पूरा मोरहाबादी मैदान रणक्षेत्र बना रहा। पारा शिक्षक पथराव के साथ-साथ सुरक्षा घेरे के लिए लगाए गए बांस को तोड़कर पुलिसवालों के साथ लोहा ले रहे थे, वहीं पुलिसकर्मी भी जमकर लाठियां बरसा रहे थे। इस क्रम में आंसू गैस के छह गोले भी छोड़े गए। देखते ही देखते अफरा-तफरी मच गयी। सभी पारा टीचर्स भागने लगे। समारोह में आये लोग भी उठकर भागने लगे। कार्यक्रम चल ही रहा था कि इसी दौरान यह अराजक स्थिति उत्पन्न हो गयी।

पत्रकारों पर भी टूट पड़े जवान

पारा शिक्षकों के आंदोलन को कवरेज करने के लिए बड़ी संख्या में पत्रकार और छायाकार मौजूद थे। जब पुलिस के लाठीचार्ज को इन्होंने अपने कैमरे में कैद करना शुरू किया तो उनका गुस्सा सातवें आसमान पर आ गया। सीआरपीएफ व रैफ के जवानों ने बिना सोचे-विचार के पत्रकारों व छायाकारों पर हमला बोल दिया। एक पत्रकार का कैमरा छीन कर उससे फोटो और वीडियो डिलीट कराया गया। इसी क्रम में लगभग पांच पत्रकारों की पिटाई भी हो गई। हालांकि, वरीय अधिकारियों के हस्तक्षेप के बाद जवानों ने उन्हें छोड़ा।

216 पारा शिक्षक हुए बर्खास्त

स्थापना दिवस समारोह के दौरान प्रदर्शन करने आये रांची जिला के 216 पारा शिक्षकों को बर्खास्त करने का आदेश दिया गया है। डीसी राय महिमापत रे ने डीईओ को अनुशंसा भेजकर 216 पारा शिक्षकों को बर्खास्त करने को कहा है। सरकार ने पूर्व में ही चेतावनी दे दी थी कि अगर पारा शिक्षक प्रदर्शन करने रांची पहुंचते हैं, तो उन्हें सेवा से मुक्त कर दिया जाएगा। इसके बावजूद बड़ी संख्या में पारा शिक्षक समारोह स्थल तक पहुंच गए। इसका खामियाजा उन्हें नौकरी गंवा कर भुगतना पड़ेगा।