रांची: बिना किसी बीमा या सिक्योरिटी के झारखण्ड के पुलिसकर्मी अब कोरोना जैसी गम्भीर बीमारी से लड़ रहे हैं। लेकिन पुलिस मुख्यालय की पहल के बाद भी पुलिसकर्मियों का अब तक 50 लाख का जीवन बीमा नहीं हुआ है। कोरोना वायरस के संक्रमण के बीच ड्यूटी पर मुस्तैद पुलिसकर्मियों के 50 लाख के जीवन बीमा के लिए पुलिस मुख्यालय ने सरकार को पत्र लिखा था। मुख्यालय ने सरकार को पत्र लिखते हुए स्वास्थ्य कर्मियों की तरह ही झारखंड के पुलिसकर्मियों को भी 50 लाख का जीवन बीमा लाभ देने का अनुरोध किया था। इसके बाद भी अब तक पुलिसकर्मियों का 50 लाख का बीमा नहीं किया गया है। सिपाही और हवलदार की मांग पर झारखंड पुलिस मेंस एसोसिएशन चरणबद्ध आंदोलन की तैयारी में है।

आंदोलन को विवश पुलिस एसोसिएशन

पुलिस मुख्यालय द्वारा पुलिसकर्मियों के लिए कोरोना काल में 50 लाख का बीमा कराने के लिए सरकार को पत्र लिखा गया था। लिखे पत्र पर अब तक कोई भी ठोस पहल नहीं हुई है। झारखंड पुलिस मेंस एसोसिएशन ने कहा कि हमारे पुलिस भाई लगातार वैश्रि्वक महामारी कोरोना से संक्रमित हो रहे हैं। कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट आने के बाद भी उन्हें बेहतर इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती नहीं कराया जा पाना अपने आप में चिंतनीय विषय है। संक्रमित होने के बाद भी पुलिसकर्मियों को उनके घर में ही अपने हाल पर छोड़ देना सही नहीं है। क्योंकि इससे उनके परिवार वालों के भी संक्रमित होने का खतरा बढ़ जाता है। पुलिस मुख्यालय और सरकार द्वारा जल्द ही हम पुलिसकर्मियों के प्रति सहानुभूति पूर्वक विचार किया जाए। साथ ही वैश्रि्वक महामारी कोरोना के संक्रमित पुलिस के लिए ठोस रणनीति बनाई जाए।

हर दिन 35 संक्रमित

पिछले 12 दिनों की बात करें तो पुलिसकर्मियों में कोरोना संक्रमण तेजी से फैला है। हर दिन 35 पुलिसकर्मी कोरोना संक्रमित हो रहे हैं। कोरोना की चपेट में पुलिसकर्मी तेजी से आ रहे हैं। इस बात का अनुमान इसी से लगाया जा सकता है कि मार्च 23 मार्च से लेकर 13 जुलाई तक राज्य में सिर्फ 66 पुलिसकर्मी कोरोना संक्रमित पाए गए। इसके बाद 16 जुलाई को इसकी संख्या बढ़कर 96 हो गई। वहीं 18 जुलाई को 179, 20 जुलाई को 230 और 25 जुलाई तक कोरोना संक्रमित पुलिसकर्मियों की संख्या बढ़कर 477 हो गई।

महामारी से बचाव के दिए निर्देश

पुलिस मुख्यालय स्तर से राज्य के पुलिस पदाधिकारियों/कर्मियोंको ड्यूटी करते हुए कोरोना से बचाव के लिए सभी आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए हैं। बचाव के लिए सभी पुलिसकर्मी को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने, मास्क पहन कर ड्यूटी करने, सेनेटाइजर का उपयोग करने, हैंड ग्लव्स पहनने, सर्जिकल कैप लगाने, समय-समय पर कार्यालय, आवासीय स्थल व वाहनों को सेनेटाइज करने, अनावश्यक रूप से चेहरा छूने से बचने की सलाह भी दी गई है। झारखंड सरकार के स्तर से राज्य के सभी जिलों के एसपी को इसके बचाव और निजी अभिरक्षा उपकरण की खरीद के लिए 33 लाख रुपए आवंटित किए गए हैं।

वर्जन

पुलिसकर्मी आज भी अपनी जान को जोखिम में डालकर कर्तव्य निभा रहे हैं। पुलिसकर्मियों का मनोबल टूटा नहीं है।

राकेश पांडेय, उपाध्यक्ष,झारखंड पुलिस मेंस एसोसिएशन